महामारी के बीच एक और मुसीबत, अंटार्कटिका में टूटा विश्व का सबसे बड़ा बर्फ का पहाड़......
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अंटार्कटिका को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां बर्फ की चादर का पिघलना जारी है. अब अंटार्कटिका में बर्फ के एक विशाल पहाड़...

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अंटार्कटिका को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां बर्फ की चादर का पिघलना जारी है. अब अंटार्कटिका में बर्फ के एक विशाल पहाड़...
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अंटार्कटिका को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां बर्फ की चादर का पिघलना जारी है. अब अंटार्कटिका में बर्फ के एक विशाल पहाड़ के टूटने की खबर सामने आई है.
इसे दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड यानी आइसबर्ग बताया जा रहा है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी द्वारा ली गईं सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि यह आइसबर्ग 170 किलोमीटर लंबा और करीब 25 किलोमीटर चौड़ा है. सीधे शब्दों में कहें तो आकार के मामले में यह दिल्ली का करीब तीन गुना है.
अगर नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के अनुसार इस आइसबर्ग से अलग होने से समुद्र के जलस्तर में इजाफा नहीं होगा, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से जलस्तर बढ़ सकता है. बता दें कि अंटार्कटिका की बर्फ की चादर बाकियों की तुलना में तेजी से गर्म हो रही है, जिससे बर्फ और बर्फ के आवरण पिघल रहे हैं और साथ ही ग्लेशियर पीछे हट रहे हैं,
खासकर वेडेल सागर के आसपास. जैसे ही ग्लेशियर पीछे हटते हैं बर्फ के टुकड़े टूट जाते हैं और तब तक तैरते रहते हैं जब तक कि वे अलग नहीं हो जाते या फिर जमीन से टकरा नहीं जाते. पत्रिका के मुताबिक वर्ष 1880 के बाद समुद्र के जलस्तर में औसतन 9 इंच की बढ़ोत्तरी हुई है. इनमें से एक तिहाई पानी ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ पिघलने से आया है.
अराधना मौर्या





