नेपाल की संसद हुई भंग, जानें पड़ोसी देश में क्यों आई ऐसी स्थिति.....
नेपाल में सत्ता को लेकर मचे राजनीतिक घमासान ने उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनाव के...
नेपाल में सत्ता को लेकर मचे राजनीतिक घमासान ने उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनाव के...
नेपाल में सत्ता को लेकर मचे राजनीतिक घमासान ने उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनाव के लिए नई तारीखों की घोषणा कर दी. नेपाल की राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद के लिए शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली दोनों के दावों को खारिज कर दिया. जिसके बाद राष्ट्रपति ने संसद को भंग करते हुए मध्यावधि चुनाव का एलान किया है. इसके तहत नेपाल में अब 12 और 19 नवंबर को चुनाव होंगे. इसकी जानकारी नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी गई है.
भंडारी ने यह घोषणा संसद भंग करने की प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की सिफारिश का समर्थन करने के बाद की. राष्ट्रपति कार्यालय से प्रेस को जारी एक बयान में कहा गया है कि संसद को भंग कर दिया गया है और नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के आधार पर मध्यावधि चुनावों की तारीखों की घोषणा की गई है.
यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति भंडारी ने राजनीतिक संकट के बाद प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर संसद भंग की है. पिछले साल 20 दिसंबर को भी भंडारी ने संसद भंग की थी लेकिन बाद में फरवरी में उच्चतम न्यायालय ने इसे फिर से बहाल कर दिया था.
नेपाल के राजनीतिक संकट में शुक्रवार को उस वक्त नाटकीय मोड़ आ गया जब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और विपक्षी दलों दोनों ने ही राष्ट्रपति को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया.
अराधना मौर्या