चीन ने खारिज की पाकिस्तान की कर्ज माफी की अपील कहा- किसी भी तरह की राहत देने के लिए चीनी बैंकों में नियम बदलना संभव नहीं.....
आर्थिक मंदी से गुजर रहे पाकिस्तान का साथ अब चाइना ने भी छोड़ दिया है, गौरतलब है कि पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक मंदी से गुजर रहा था और कोविड-19 महामारी...
आर्थिक मंदी से गुजर रहे पाकिस्तान का साथ अब चाइना ने भी छोड़ दिया है, गौरतलब है कि पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक मंदी से गुजर रहा था और कोविड-19 महामारी...
आर्थिक मंदी से गुजर रहे पाकिस्तान का साथ अब चाइना ने भी छोड़ दिया है, गौरतलब है कि पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक मंदी से गुजर रहा था और कोविड-19 महामारी की वजह से वहां की अर्थव्यवस्था शून्य होती जा रही है।
आपको बता दें कि इमरान खान सरकार ने कर्ज माफ करने के लिए चीन के सामने झोली फैलाई थी लेकिन बीजिंग ने साफ शब्दों में इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के तहत 3 अरब डॉलर के कर्ज को पुनर्गठित करने का अनुरोध किया था।
इमरान सरकार चाहती है कि चीन इस मुश्किल वक्त में उसका कर्ज माफ कर दे। इसी उम्मीद में उसने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से गुहार लगाई थी, मगर उन्होंने इनकार कर दिया।
बता दें कि एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चाइना ने पाकिस्तान में बनाए ऊर्जा प्लांट पर करीब 19 अरब डॉलर का निवेश किया है। जिस पर पाकिस्तान के अनुरोध के जवाब में बीजिंग ने कहा है कि ऊर्जा खरीद पर हुए समझौते को पुनर्गठित करना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि कर्ज में किसी भी तरह की राहत के लिए चीनी बैंकों को अपने नियम और शर्तों में बदलाव करना होगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की स्थिति हमेशा से खराब थी और कोरोना महामारी के चलते सभी देशों से कर्जा लेने के कारण अब अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से ठप हो चुकी है जिसके चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन से लिए गए कर्ज में राहत देने की अपील की थी।
प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान पर 30 दिसंबर 2020 तक कुल 294 अरब डॉलर का कर्ज था, जो उसकी कुल GDP का 109 प्रतिशत है, वहीं, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज और GDP का यह अनुपात वर्ष 2023 के अंत तक काफी बढ़ सकता है, जिसकी वजह से पाकिस्तानी सरकार मुश्किल में फंस जाएगी।
बता दें कि पाकिस्तान में स्वयं कर्ज को लेकर के बयान बाजी चल रही है सभी विपक्षी पार्टियां इमरान खान पर कटोरा फैलाने जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए भीख मांगने का आरोप लगा रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आना विपक्ष के द्वारा भी लगभग असंभव सा माना जा रहा है।
नेहा शाह