भारत की मदद करने पर अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडेन प्रशासन की की सराहना
वैश्विक महामारी के दौरान दूसरी लहर में भारत की स्थिति बेहद भयंकर हो चुकी थी परंतु वर्तमान की स्थिति में थोड़ा ठहराव और संक्रमण दर में कमी देखी जा रही...
वैश्विक महामारी के दौरान दूसरी लहर में भारत की स्थिति बेहद भयंकर हो चुकी थी परंतु वर्तमान की स्थिति में थोड़ा ठहराव और संक्रमण दर में कमी देखी जा रही...
वैश्विक महामारी के दौरान दूसरी लहर में भारत की स्थिति बेहद भयंकर हो चुकी थी परंतु वर्तमान की स्थिति में थोड़ा ठहराव और संक्रमण दर में कमी देखी जा रही है। भारत की दयनीय एवं बदतर स्थिति को देखते हुए सभी विदेशी देशों ने स्वयं भारत की सहायता करने का निर्णय लिया जिसमें अमेरिका की सरकार ने एक अहम भूमिका निभाई।
आपको बता दें कि अमेरिका ने और वहां के सांसदों तथा लोगों ने भी भारत की मदद के लिए स्वयं अपना हाथ आगे बढ़ाया था। जिसके बाद 8 जून को अमेरिकी सांसदों ने जरूरत के वक्त भारत को कोविड-19 रोधी टीके देने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके प्रशासन की सराहना की।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका अपने कोविड-19 टीकों के भंडार में उपयोग में नहीं लाई गई ढाई करोड़ खुराक में से करीब 1.9 करोड़ यानी 75 प्रतिशत खुराक संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स कार्यक्रम के माध्यम से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया तथा अफ्रीका के देशों को देगा। इस बीच अमेरिका ने भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत अमेरिकी टीकों को प्राप्त करने वाला प्रमुख देश होगा।
अमेरिकी सांसद बैड शेरमन ने सोमवार को वाइट हाउस सशस्त्र सेवा समिति मैं सुनवाई के दौरान कहा कि प्रशासन वैश्विक महामारी के वक्त में दुनिया भर के देशों की मदद के लिए जो भी कर रहा है और भारत के लिए जो भी कर रहा है उसके लिए भारत कॉकस का सह अध्यक्ष होने के नाते वह विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का आभार जताते हैं।
नेहा शाह