सैनिकों को ऊपर से दिया गया था मोर्चे से हटने का आदेश, अफगनिस्तान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने खोला राज
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजमल अहमदी ने बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि जिस तरह से अफगानिस्तान की...

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजमल अहमदी ने बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि जिस तरह से अफगानिस्तान की...
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजमल अहमदी ने बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि जिस तरह से अफगानिस्तान की सरकार और सैनिकों ने सरेंडर किया है, वह समझ से परे है और सवाल खड़े करने वाला है। एक के बाद एक 17 ट्वीट कर अजमल अहमदी ने अशरफ गनी सरकार पर सवाल उठाए हैं, जो देश से बाहर भाग गए हैं
इस बीच अजमल अहमदी ने कहा कि कुछ महीनों पहले ही तालिबान ने देश के ग्रामीण इलाकों में कब्जा जमा लिया था, लेकिन किसी प्रांत की पहली राजधानी पर उसने करीब 10 दिन पहले ही कब्जा जमाया था।
जिसके बाद गवर्नर ने कहा कि 6 अगस्त को तालिबान ने जिरांज पर कब्जा जमाया था और फिर उसके बाद कुछ ही दिनों में वह एक के बाद एक कई सूबों पर काबिज होता गया। ऐसी भी अफवाहें हैं कि सैनिकों को ऊपर से आदेश दिया गया था कि वे न लड़ें।
आपको बता दें कि तालिबान लगातार एक के बाद एक प्रांतों पर कब्जा कर रहा है, जिसका जिक्र तरते हुए अजमल अहमदी ने कहा कि मैं सामान्य मीटिंग्स में हिस्सा ले रहा था। इसी दौरान सुबह गजनी पर तालिबान का कब्जा हो गया। मैं काम खत्म किया और तब तक हेरात, कंधार और बगदीस भी उनके हाथों में थे।
हेलमांड भी गंभीर हमला झेल रहा था।' इसके बाद शुक्रवार को मुझे कॉल आया कि अब हमें डॉलर की शिपमेंट नहीं मिल पाएगी। कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि मैं भाग गया हूं। शनिवार को सेंट्रल बैंक की ओर से करेंसी की कम सप्लाई हुई और फिर पैनिक और बढ़ गया।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि करेंसी में तेजी से गिरावट आ रही थी। मैंने बैंकों और मनी एक्सचेंजर्स को भरोसा दिया कि वे शांति बनाए रखें, लेकिन भरोसा नहीं था कि अगले ही दिन तालिबान का काबुल पर भी कब्जा हो जाएगा।
नेहा शाह





