अफगानिस्तान की सरकार वैश्विक सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती बन गई है

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अफगानिस्तान की सरकार वैश्विक सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती बन गई  है
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अफगानिस्तान में सत्ता का स्वरुप देख कर आज विश्व की बड़ी संस्थाए चाहे वो सयुंक्त राष्ट्र हो या फिर मानवाधिकार आयोग इन सभी के बिना दांत के संगठन होने का विश्वास आज अफ़ग़ानिस्तान की जनता को हो गया है | और ये सिर्फ अफगानिस्तान की बात नहीं है अगर आज आप किसी भी देश के नागरिको से उनका मत पूछे तो ज्यादातर लोग इसी पक्ष में अपना मत देंगे की ये संगठन अब वैश्विक संगठन कहलाने के लायक नहीं रहा |

अमेरिका का दुःस्वप्न : इस सारे प्रकरण के जड़ में विश्व की अकेली ताकत जो शायद अब न कही जाए , अमेरिका है जिसने जाने कौन सी मज़बूरी थी की जिस देश में बीस साल रुके वह सत्ता फेंक कर वो भी तालिबानी जंगलियों के सामने भाग गए |

उनका लौटना और कष्टकारी हो गया जब एयरपोर्ट पर बम विस्फोट में उसके १३ सैनिको की जान चली गयी |

पाकिस्तानी प्लाट : इस पुरे घटनाक्रम में जो देश सबसे बड़ा धूर्त निकला वो पाकिस्तान है | अपने पिट्ठुओं को बिठा कर काबुल को कण्ट्रोल करने का जो ख्वाब पाकिस्तान देख रहा है वो पूरा नहीं होने वाला है | इस तरह पंजशीर में मसूद की सेना उसको टक्कर देती रहेगी | पर जो सबसे हैरान कर देने वाली बात है वो पुरे विश्व की शांति | कश्मीर का राग अलापने वाले मुश्लिम देश भी अपने मुश्लिम लोगो को तालिबानी के हाथ से मरते देख रहे है i

चीनी चक्कर : अफगानिस्तान में जो सबसे फायदे में है वो है चीन | एक तरफ अमेरिका के विश्व का नेता होने के दावों को वो अब ख़ारिज कर रहा है और अपना दवा पेश कर रहा है वही दूसरी ओर अफगानिस्तान के संसाधनों खासकर लिथियम के भंडार सहित अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर अपना कब्ज़ा ज़माने के फ़िराक में है | चीन ने अमेरिका के भाग जाने से खाली हुई जगह को भरने का पूरा प्रयास किया है पर वो विश्व के हित में न होकर चीन के हित में ही है |

भारत का भ्रम : भारत अभी तक देखो और समझो रणनीति पर काम कर रहा है पर उसे भी अब पक्ष विपक्ष की लाइन खीच लेनी चाहिए | तालिबान कभी भी भारत के पक्ष में नही होगा क्योंकि उसके उदय के पीछे इस्लाम का परचम लहराना है | भारत उसके लिए काफिरों की जगह थी , है और रहेगी | इसलिए उसपर नरम नीति की जगह पंजशीर को समर्थन दे तजाकिस्तान के साथ मिलकर उसे तालिबान को बैचेन कर देना चाहिए |

दुश्मन को शरीफ मान लेना वो भी तब जब वो अपने लोगो का गला काटने में थोड़ी भी रहम नही कर रहे है तो वो काफिरों का गला तो और भी खुश होकर काटेंगे | इसलिए चुप्पी छोड़ गुप्त तरीके से ही सही तालिबान को कमजोर करने का मिशन चालू कर देना चाहिए |

भारत को ईरान को भी अपने पक्ष में लाने के लिए हजारा मुस्लमान जिनको तालिबानी मार रहे है का मुद्दा जोर शोर से उठाना चाहिए |

पाकिस्तान की नकाब हट चुकी है और अब उसे ऍफ़ ए टी ऍफ़ में ब्लैक लिस्ट कराने के लिए लग जाना चाहिए | अभी यूरोप का भी मत पाकिस्तान के खिलाफ है और वो भी पाकिस्तान की कोई सहायता नही करेंगे | उसका सबसे भरोसेमंद देश तुर्की भी आज कल तालीबान से दुरी बना रहा है और जब ले देकर सिर्फ पाकिस्तान रह जाएगा तो उसको ब्लैक लिस्ट करना आसान होगा |

मिशन पाकिस्तान : अब दुनिया के सारे देशो को मिलकर पाकिस्तान के उपर हमाल कर के उसके परमाणु हथियार को नष्ट कर देना चाहिए नही तो आने वाले समय में कोई भी जनूनी पाकिस्तानी या तालिबानी पुरे विश्व के लिए खतरा बन जाएगा |

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