क्वाड नेताओं का संयुक्त बयान: एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत, जो समावेशी और सुदृढ़ हो के लिए प्रतिबद्ध
आज, हम — ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ी, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा और अमेरिका के राष्ट्रपति...
आज, हम — ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ी, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा और अमेरिका के राष्ट्रपति...
आज, हम — ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ी, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन — एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत, जो समावेशी और सुदृढ़ हो, के लिए अपनी गहरी प्रतिबद्धता को दोहराने के वास्ते टोक्यो में एकत्रित हुए हैं।
क़रीब एक साल पहले, क्वाड नेता पहली बार मिले थे। गहन वैश्विक चुनौती के मौजूदा दौर में यह प्रदर्शित करने के लिए कि क्वाड अच्छाई की ताक़त है जो इस क्षेत्र में ठोस लाभ लाने के लिए प्रतिबद्ध है, हम आज टोक्यो में अपनी चौथी बैठक, व्यक्तिगत भागीदारी वाली दूसरी बैठक, के लिए मिले। अपने सहयोग के पहले वर्ष में, हमने सकारात्मक और व्यावहारिक एजेंडे के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता को स्थापित किया; दूसरे वर्ष में, हम इस वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि इस क्षेत्र को 21वीं सदी के लिए और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके।
जब कोविड-19 महामारी दुनिया भर में मानवीय और आर्थिक पीड़ा देना जारी रख रही है, देशों में एकतरफ़ा कार्रवाई की प्रवृत्ति दिख रही है, और यूक्रेन में एक दुखद संघर्ष चल रहा है, हम अपने उद्देश्यों को लेकर दृढ़ हैं। हम स्वतंत्रता, क़ानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, धमकी या बल प्रयोग या यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफ़ा प्रयास के बिना विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, तथा नौवहन और ओवरफ़्लाइट की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का पुरज़ोर समर्थन करते हैं, जिनमें से सभी हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया भर में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। हम इन सिद्धांतों को क्षेत्र और उसके बाहर बढ़ावा देने के लिए निर्णायक रूप से मिलकर कार्य करते रहेंगे। हम अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराते हैं जिसके तहत देशों पर किसी भी प्रकार का सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक दबाव नहीं होता है।
शांति और स्थिरता
हमने यूक्रेन में जारी संघर्ष और दुखद मानवीय संकट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाओं के बारे में चर्चा की और हिंद-प्रशांत पर इसके प्रभावों का आकलन किया। क्वाड नेताओं ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया। हमने स्पष्ट रूप से रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय क़ानून अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का केंद्रबिंदु है, जिसमें संयुक्तराष्ट्र चार्टर और सभी देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान शामिल हैं। हमने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान हेतु प्रयास करना चाहिए।
क्वाड इस क्षेत्र के साझेदारों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है जो एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत की संकल्पना साझा करते हैं। हम आसियान की एकता और केंद्रीयता के लिए तथा हिंद-प्रशांत पर आसियान के दृष्टिकोण के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए अपने अटूट समर्थन की पुष्टि करते हैं। हम हिंद-प्रशांत में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ की रणनीति पर यूरोपीय संघ के संयुक्त वक्तव्य का स्वागत करते हैं, जिसकी घोषणा सितंबर 2021 में की गई थी और जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र से यूरोपीय जुड़ाव मज़बूत हुआ है। हम पूर्व एवं दक्षिण चीन सागर सहित नियम आधारित समुद्री व्यवस्था पर ख़तरों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय क़ानून, विशेष रूप से संयुक्तराष्ट्र की समुद्री क़ानून संधि (यूएनसीएलओएस) के प्रावधानों, और नौवहन एवं ओवरफ़्लाइट की स्वतंत्रता के अनुपालन का समर्थन करेंगे। हम ऐसी हर ज़बरिया, उत्तेजक या एकतरफ़ा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं जिसके ज़रिए यथास्थिति को बदलने और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश की जाती हो, जैसे कि विवादित स्थलों का सैन्यीकरण, तटरक्षक जहाज़ों और समुद्री मिलिशिया का ख़तरनाक उपयोग और दूसरे देशों की अपतटीय संसाधन दोहन गतिविधियों को बाधित करने के प्रयास।
व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से, हम प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ अपने सहयोग को और मज़बूत करेंगे, उनके आर्थिक कल्याण को बढ़ाने, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और पर्यावरणीय दृढ़ता को मज़बूत करने, उनकी समुद्री सुरक्षा बेहतर करने और उनकी मत्स्य संपदा को बनाए रखने, स्थायी बुनियादी ढांचा प्रदान करने, शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने, और इस क्षेत्र के लिए विशेष रूप से गंभीर चुनौतियां पेश कर रहे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को घटाने एवं अनुकूलन के लिए। हम प्रशांत द्वीपीय साझेदारों की ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने प्रशांत द्वीपीय फ़ोरम की एकता और प्रशांत क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के लिए अपने समर्थन को दोहराया।
आपस में और अपने साझेदारों के साथ मिलकर, हम संयुक्तराष्ट्र जहां हम बहुपक्षीय प्रणाली की सुदृढ़ता को बेहतर करने और बढ़ाने के लिए हम अपनी साझा प्राथमिकताओं पर काम करेंगे, और अन्य बहुपक्षीय संस्थानों में अपने सहयोग को प्रगाढ़ करेंगे। व्यक्तिगत रूप से और साथ मिलकर, हम मौजूदा दौर की चुनौतियों का जवाब देंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह क्षेत्र समावेशी, खुला और सार्वभौमिक नियमों एवं मानदंडों द्वारा शासित रहे।
हम संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों (यूएनएससीआर) के अनुरूप कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और जापानी अपहृतों के मुद्दे के तत्काल समाधान की आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं। हम यूएनएससीआर का उल्लंघन कर उत्तर कोरिया द्वारा चलाए जा रहे अस्थिरकारी बैलिस्टिक मिसाइल विकास कार्यक्रम और परीक्षणों की भी निंदा करते हैं, जिसमें कई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण शामिल हैं, और हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन प्रस्तावों को पूरी तरह लागू करने का आह्वान करते हैं। हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपने सभी दायित्वों का पालन करने, उकसावे की कार्रवाइयों से दूर रहने और ठोस वार्ताओं में शामिल होने का आग्रह करते हैं।
हम म्यांमार में संकट से बहुत चिंतित हैं, जो गंभीर मानवीय पीड़ा का कारण बना है और जिससे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौतियां खड़ी हुई हैं। हम म्यांमार में हिंसा की तत्काल समाप्ति, विदेशियों सहित सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई, रचनात्मक बातचीत में भागीदारी, मानवीय सहायता की पहुंच और लोकतंत्र की शीघ्र बहाली के लिए निरंतर आह्वान कर रहे हैं। हम म्यांमार संकट के समाधान की दिशा में आसियान के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों को अपने समर्थन की पुष्टि करते हैं और आसियान अध्यक्ष के विशेष दूत की भूमिका का स्वागत करते हैं। साथ ही, हम आसियान की पंचसूत्री सहमति के तत्काल कार्यान्वयन का आह्वान करते हैं।
हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों और प्रकारों की स्पष्ट निंदा करते हैं और फिर से कहते हैं कि किसी भी आधार पर आतंकवादी कृत्यों का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। हम परोक्ष आतंकवादी प्रतिनिधियों के उपयोग की निंदा करते हैं और आतंकवादी समूहों को रसद, वित्त या सैन्य संबंधी ऐसी कोई सहायता नहीं दिए जाने के महत्व पर जोर देते हैं कि जिसका उपयोग सीमा पार हमलों सहित आतंकवादी हमले करने या उनकी योजना बनाने के लिए किया जा सकता हो। हम 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले सहित आतंकवादी हमलों की निंदा को दोहराते हैं। हम यूएनएससी के प्रस्ताव 2593 (2021) की भी पुष्टि करते हैं, जिसमें मांग की गई है कि किसी भी देश को धमकाने या उस पर हमला करने, या आतंकवादियों को पनाह देने या प्रशिक्षित करने, या आतंकवादी हमलों की योजना बनाने या उनके वित्तपोषण के लिए अफ़ग़ान क्षेत्र का फिर कभी इस्तेमाल नहीं हो पाए। हम एफ़एटीएफ़ की सिफ़ारिशों के अनुरूप, सभी देशों द्वारा धनशोधन विरोधी अंतरराष्ट्रीय मानकों को बनाए रखने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुक़ाबला करने के महत्व पर ज़ोर देते हैं। हम फिर से पुष्टि करते हैं कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ़ अपनी लड़ाई में, हम तमाम आतंकवादी समूहों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करेंगे, जिसमें ऐसे व्यक्ति और संस्थाएं शामिल हैं जिन्हें यूएनएससी प्रस्ताव 1267(1999) के तहत प्रतिबंधित किया गया है।
कोविड-19 और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा
दो वर्षों से अधिक समय से दुनिया समुदायों, नागरिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और स्वास्थ्य तंत्रों और अर्थव्यवस्थाओं पर कोविड-19 के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रही है। क्वाड देशों ने बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र के निर्माण और स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने की दृष्टि से कोविड-19 प्रतिक्रिया के संदर्भ में वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व किया है और हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे। हम वायरस को मात देने के लिए नए वेरिएंट के खिलाफ़ तैयारी करने तथा सर्वाधिक जोखिम वाले लोगों के लिए टीके, परीक्षण, उपचार और अन्य चिकित्सा उत्पाद उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने सामूहिक प्रयासों के अनुकूलन हेतु प्रतिबद्ध हैं।
आज तक, क्वाड साझेदारों ने सामूहिक रूप से कोवैक्स एएमसी को लगभग 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है, जो सरकारी दानदाताओं के कुल योगदान का लगभग 40 प्रतिशत है। हमें हिंद-प्रशांत को दिए गए कम से कम 265 मिलियन खुराक सहित कुल 670 मिलियन से अधिक टीका खुराक बांटने पर गर्व है। कोविड-19 टीकों की वैश्विक आपूर्ति में महत्वपूर्ण विस्तार को ध्यान में रखते हुए, जहां भी और जब भी ज़रूरत हो, हम सुरक्षित, प्रभावी, सस्ते और सुनिश्चित गुणवत्ता वाले कोविड-19 टीकों की आपूर्ति करना जारी रखेंगे।
हम क्वाड टीका साझेदारी के तहत भारत में बायोलॉजिकल ई केंद्र में जेएंडजे टीके का उत्पादन बढ़ाए जाने का स्वागत करते हैं – इस स्थायी विनिर्माण क्षमता से कोविड-19 और भविष्य की महामारियों के खिलाफ़ लड़ाई में दीर्घकालिक लाभ मिलेगा। इस संबंध में, हम भारत में निर्मित उपरोक्त टीके के लिए डब्ल्यूएचओ से ईयूएल अनुमोदन मिलने की आशा करते हैं। हमें क्वाड द्वारा कंबोडिया और थाईलैंड को डब्ल्यूएचओ अनुमोदित मेड इन इंडिया टीकों की आपूर्ति, साथ ही क्वाड सदस्यों द्वारा टीकों से संबंधित अन्य सहायता उपलब्ध कराने पर गर्व है। यह हमारे सहयोग की स्पष्ट उपलब्धि का एक उदाहरण है।
हम कोविड-19 संबंधी पहलक़दमियों और स्वास्थ्य संबंधी भावी ख़तरों के खिलाफ़ तैयारियों, दोनों पर ही ध्यान देते रहेंगे। हम अंतिम चरण के लिए समर्थन के माध्यम से टीकाकरण में तेज़ी लाएंगे, जिसके लिए हमारे चार देशों द्वारा विश्व स्तर पर 115 से अधिक देशों में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रदान किए गए हैं, और इस सप्ताह विश्व स्वास्थ्य परिषद में क्वाड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के माध्यम से हम टीकों के प्रति संशय की समस्या से भी निपटेंगे। हम "कोविड-19 प्रायोरेटाइज़्ड ग्लोबल एक्शन प्लान फ़ॉर एन्हांस्ड एंगेजमेंट (गैप)" और कोवैक्स वैक्सीन डिलीवरी पार्टनरशिप के उपयोग समेत अपने प्रयासों का समन्वय करेंगे। हम अमेरिका की सहमेज़बानी में सफलतापूर्वक आयोजित दूसरे वैश्विक कोविड-19 शिखर सम्मेलन की सराहना करते हैं, जिसमें अन्य क्वाड सदस्य शामिल थे, और जिसके दौरान वित्तीय और नीतिगत प्रतिबद्धताओं के लिए 3.2 बिलियन डॉलर जुटाए गए। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक पुनरोद्धार के लिए अपना समर्थन बढ़ाएंगे।
दीर्घावधि में, हम बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र और महामारी की रोकथाम, तैयारी और कार्रवाई (पीपीआर) को मज़बूत करेंगे, जिसमें वित्त और स्वास्थ्य समन्वय को बढ़ाने और क्लिनिकल परीक्षण एवं जीनोमिक निगरानी जैसे पहले से जारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित सहयोग को प्रगाढ़ करने के क़दम शामिल हैं। मौजूदा क्वाड सहयोग को बढ़ाते हुए, हम महामारी फैलाने में सक्षम नए और उभरते रोगाणुओं की शीघ्र पहचान और निगरानी प्रक्रिया में सुधार की अपनी क्षमता को बढ़ाएंगे, तथा स्थानिक एवं वैश्विक महामारियों के खिलाफ़ सुदृढ़ता बढ़ाने के लिए काम करेंगे। संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण हेतु नए टीकों के विकास के लिए, क्वाड साझेदारों ने सीईपीआई के काम के अगले चरण के लिए सामूहिक रूप से 524 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है, जो कुल सार्वजनिक निवेश का लगभग 50 प्रतिशत है।
हम यूएचसी (सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज) के मित्रों के समूह के सदस्यों के रूप में, यूएचसी पर 2023 में आयोजित संयुक्तराष्ट्र की उच्चस्तरीय बैठक से पहले पीपीआर के विस्तार और यूएचसी को बढ़ावा देने हेतु वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत बनाने और उसमें सुधार के काम में वैश्विक स्तर पर नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आधारभूत संरचना
हमने बुनियादी ढांचे पर सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता और समृद्धि को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। हम ऋण संबंधी समस्याओं, जो महामारी के बाद कई देशों में गंभीर हो गई हैं, के समाधान हेतु प्रतिबद्धता भी साझा करते हैं।
क्वाड साझेदार इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण तेज़ करने के लिए अपने दशकों के कौशल और अनुभव को साझा कर रहे हैं। हम कमियों को पाटने के वास्ते सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए साझेदारों और क्षेत्र के देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसे संभव करने के लिए, क्वाड अगले पांच वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे हेतु सहायता और निवेश में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक उपलब्ध कराने की कोशिश करेगा।
हम जी20 कॉमन फ़्रेमवर्क के तहत ऋण संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए आवश्यकता वाले देशों की क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में काम करेंगे और "क्वाड डेट मैनेजमेंट रिसोर्स पोर्टल" के माध्यम से भी संबंधित देशों के वित्त अधिकारियों के समन्वय में ऋण घारणीयता और पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे जिसमें क्षमता निर्माण हेतु अनेक प्रकार की द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहायता शामिल है।
हम क्वाड शिखर सम्मेलन के हाशिये पर हो रहे चारों देशों के विकास वित्त संस्थानों और एजेंसियों की बैठक का भी स्वागत करते हैं। हम हिंद-प्रशांत में परस्पर बेहतर जुड़ाव की दिशा में अपने साधनों और विशेषज्ञताओं का इस्तेमाल करने हेतु विशेषज्ञों, क्षेत्र के देशों और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
हम क्षेत्रीय और डिजिटल कनेक्टिविटी, स्वच्छ ऊर्जा, और ऊर्जा से संबंधित सुविधाओं में आपदा दृढ़ता सहित जलवायु दृढ़ता लाने जैसे पूर्वनिर्धारित उद्देश्यों पर सहयोग को और बढ़ाएंगे और पूरक कार्यों पर काम करेंगे, जो क्षेत्र में सतत और समावेशी विकास में योगदान के लिए हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण सहित क्षेत्र की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
जलवायु
नवीनतम आईपीसीसी रिपोर्टों में रेखांकित जलवायु परिवर्तन से निपटने की तत्काल ज़रूरत को स्वीकार करते हुए, हम दृढ़ता से पेरिस समझौते को लागू करेंगे और कॉप26 के निष्कर्षों के अनुरूप काम करेंगे, वैश्विक जलवायु महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के अपने प्रयासों में तेज़ी लाएंगे, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख हितधारकों को साथ लेना तथा जलवायु कार्रवाइयों हेतु सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से धन जुटाने तथा नवीन प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान, विकास और तैनाती में मदद करने समेत क्षेत्र के साझेदारों के जलवायु पहलक़दमियों का समर्थन, सुदृढ़ीकरण और विस्तार करना शामिल है।
आज, हम "न्यूनीकरण" और "अनुकूलन" के दो उद्देश्यों के साथ "क्वाड क्लाइमेट चेंज एडेप्टेशन एंड मिटिगेशन पैकेज (क्यू-चैम्प)" जारी कर रहे हैं। क्यू-चैम्प में क्वाड क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप के तहत चल रही गतिविधियां शामिल हैं: प्रत्येक क्वाड देश के इनपुट के अनुरूप एक साझा हरित गलियारा ढांचा तैयार करने के लिए हरित शिपिंग और बंदरगाहों की स्थापना; प्राकृतिक गैस क्षेत्र में स्वच्छ हाइड्रोजन और मीथेन उत्सर्जन के मुद्दों पर स्वच्छ ऊर्जा सहयोग; सिडनी एनर्जी फ़ोरम के योगदान का स्वागत करते हुए स्वच्छ ऊर्जा सप्लाई चेन को मज़बूत करना; प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ एक कार्यनीति विकसित करने के लिए जलवायु सूचना सेवाओं की शुरुआत; और आपदारोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन (सीडीआरआई) के माध्यम से जारी प्रयासों समेत आपदा और जलवायु सुदृढ़ बुनियादी ढांचे के सहारे आपदा जोखिम में कमी लाना। इसमें शामिल अन्य प्रयास हैं: स्वच्छ ईंधन अमोनिया पर नया सहयोग, सीसीयूएस/कार्बन पुनर्चक्रण, पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 के तहत उच्च गुणवत्ता वाले कार्बन बाज़ारों के विस्तार हेतु सहयोग और क्षमता निर्माण समर्थन, जलवायु-स्मार्ट कृषि, क्षेत्रीय जलवायु पहलक़दमियों पर ज्ञान साझा करना, और पारिस्थितिकी तंत्र आधारित अनुकूलन। क्यू-चैम्प को संभव करने के लिए, हम चारों देशों के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जलवायु पहलक़दमियों के समर्थन में अपने कार्यक्रमों के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम प्रशांत द्वीपीय राष्ट्रों के लिए जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों को स्वीकार करते हैं।
हम जलवायु परिवर्तन पर मज़बूत कार्रवाई के लिए नई ऑस्ट्रेलियाई सरकार की प्रतिबद्धताओं का स्वागत करते हैं, जिसमें 2050 तक नेट ज़ीरो की स्थिति प्राप्त करने के लिए क़ानून पारित करना और एक नया महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय निर्धारित योगदान पेश करना शामिल है।
साइबर सुरक्षा
हम परिष्कृत साइबर ख़तरों वाली अधिकाधिक डिजिटल दुनिया में साइबर सुरक्षा बढ़ाने हेतु सामूहिक दृष्टिकोण अपनाने की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हैं। एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के बारे में क्वाड नेताओं की परिकल्पना को साकार करने के लिए, हम अपने राष्ट्रों के अहम बुनियादी ढांचों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसके तहत डिजिटल सक्षम उत्पादों और सेवाओं की सप्लाई चेन में संभावित जोखिमों की पहचान और मूल्यांकन करते हुए ख़तरों की जानकारी साझा करने, सरकारी खरीद के लिए आधारभूत सॉफ्टवेयर सुरक्षा मानकों को संरेखित करने, तथा व्यापक सॉफ्टवेयर विकास पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने के लिए अपनी सामूहिक क्रय शक्ति का लाभ उठाने, ताकि सभी उपयोगकर्ता लाभान्वित हो सकें, जैसे क़दम शामिल हैं। क्वाड साझेदार क्वाड साइबर सिक्योरिटी पार्टनरशिप के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का समन्वय करेंगे, और प्रथम क्वाड साइबर सुरक्षा दिवस की शुरुआत करेंगे, जिससे हमारे राष्ट्रों में, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और उससे आगे इंटरनेट यूजर्स को साइबर ख़तरों के खिलाफ़ बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिल सकेगी।
अहम और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां
क्वाड क्षेत्र की समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अहम और उभरती प्रौद्योगिकियों के दोहन पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। 5जी के क्षेत्र में और 5जी से परे, दूरसंचार आपूर्तिकर्ता विविधता पर प्राग प्रस्तावों का स्वागत करते हुए, हम 5जी आपूर्तिकर्ता विविधीकरण एवं ओपन आएएन पर सहयोग के लिए एक नए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर अंतःक्रियाशीलता और सुरक्षा को आगे बढ़ाएंगे। हम उद्योग जगत के साथ अपने जुड़ाव को भी बढ़ा रहे हैं, जिसमें ओपन आरएएन ट्रैक 1.5 के कार्यक्रम शामिल हैं, और हम इस क्षेत्र में खुली और सुरक्षित दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर सहयोग के तरीक़े तलाश रहे हैं।
हमने वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में क्वाड की क्षमताओं और कमजोरियों की पहचान की है और सेमीकंडक्टर्स के लिए एक विविधतापूर्ण और प्रतिस्पर्धी बाज़ार स्थापित करने हेतु अपनी परस्पर पूरक क्षमताओं का बेहतर लाभ उठाने का निर्णय लिया है। इस शिखर सम्मेलन के अवसर पर जारी अहम प्रौद्योगिकी सप्लाई चेन के सिद्धांतों पर साझा बयान, सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर हमारे सहयोग को बढ़ाता है, और इस क्षेत्र के जोखिमों के खिलाफ हमारी सुदृढ़ता बढ़ाने के लिए एक सहकारी आधार प्रदान करता है। अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के दूरसंचार मानकीकरण ब्यूरो जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठनों में हमारा सहयोग बहुत बढ़ा है, और हम नए अंतरराष्ट्रीय मानक सहयोग नेटवर्क (आईएससीएन) के माध्यम से इस तरह के सहयोग को और प्रगाढ़ करने की उम्मीद करते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों द्वारा निर्देशित हो। मैपिंग और संबंधित ट्रैक 1.5 तथा भावी क्वांटम प्रौद्योगिकियों पर फ़ोकस करते हुए और जैव प्रौद्योगिकी पर गहन संवाद के ज़रिए हम भविष्य के आकलन हेतु अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। हम अहम और उभरती प्रौद्योगिकियों के वास्ते पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से उद्योग जगत के साझेदारों के साथ नेटवर्किंग के लिए व्यापार एवं निवेश फ़ोरम का आयोजन करेंगे।
क्वाड फ़ेलोशिप
हम मानते हैं कि जनता के स्तर पर संबंध क्वाड का आधार है और हम क्वाड फ़ेलोशिप की आधिकारिक शुरुआत का स्वागत करते हैं, जो अब आवेदन के लिए खुली है। श्मिट फ्यूचर्स द्वारा प्रशासित क्वाड फ़ेलोशिप एसटीईएम क्षेत्रों में स्नातक डिग्री हासिल करने के लिए हमारे देशों के 100 छात्रों को हर साल अमेरिका भेजेगी। क्वाड फ़ेलो का पहला बैच 2023 की तीसरी तिमाही में अपनी पढ़ाई शुरू करेगा, और हम अगली पीढ़ी के एसटीईएम विशेषज्ञों के एक प्रतिभाशाली समूह का निर्माण की आशा करते हैं जो अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार में हमारे देशों को नेतृत्व प्रदान करेगा।
अंतरिक्ष
अंतरिक्ष से संबंधित अनुप्रयोग और प्रौद्योगिकियां जलवायु परिवर्तन, आपदा संबंधी तैयारी और कार्रवाई, तथा महासागरों और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग जैसी आम चुनौतियों के समाधान में भी योगदान दे सकते हैं। प्रत्येक क्वाड साझेदार भू अवलोकन उपग्रह डेटा और अनुप्रयोगों की सार्वजनिक उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास करेगा। हम भू अवलोकन पर आधारित एक निगरानी एवं सतत विकास फ़्रेमवर्क निर्मित करने हेतु मिलकर काम करेंगे। हम अपने राष्ट्रीय उपग्रह डेटा संसाधनों को परस्पर जोड़ने वाले "क्वाड सैटेलाइट डेटा पोर्टल" स्थापित करने सहित अंतरिक्ष आधारित असैन्य भू अवलोकन डेटा साझा करने का प्रयास करेंगे। हम भू अवलोकन के क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे, और क्षेत्र के देशों को क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करेंगे, जिसमें अत्यधिक बारिश वाली आपदाओं के संदर्भ में अंतरिक्ष आधारित क्षमताओं के उपयोग हेतु साझेदारी शामिल है। हम अंतरिक्ष के सतत उपयोग के लिए नियमों, मानदंडों, दिशानिर्देशों और सिद्धांतों पर भी परामर्श करेंगे, और संयुक्त कार्यशालाओं के माध्यम से इस क्षेत्र के देशों को समर्थन देंगे, जिनमें बाह्य अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक धारणीयता के बारे में बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्तराष्ट्र समिति (सीओपीयूओएस) के दिशानिर्देशों से संबंधित कार्यशाला शामिल है।
समुद्री क्षेत्र संबंधी जागरूकता और एचएडीआर
हम एक नई समुद्री क्षेत्र जागरूकता पहल – इंडो-पैसिफ़िक पार्टनरशिप फ़ॉर मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (आईपीएमडीए) – का स्वागत करते हैं, जिसे मानवीय और प्राकृतिक आपदाओं और अवैध मत्स्यन से निपटने के लिए क्षेत्रीय साझेदारों के साथ सहयोग के उद्देश्य से तैयार किया गया है। आईपीएमडीए हमारे महासागरों और समुद्रों में स्थिरता और समृद्धि की दिशा में उन्नत और साझा समुद्री क्षेत्र जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण प्रदान करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों तथा हिंद महासागर, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांतीय द्वीपों में क्षेत्रीय सूचना संलयन केंद्रों का समर्थन करेगी और उनके साथ मिलकर काम करेगी। आईपीएमडीए क्वाड के उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करती है: ठोस परिणामों की दिशा में अपने संयुक्त प्रयासों को उत्प्रेरित करना जो इस क्षेत्र को अधिक स्थिर और समृद्ध बनाने में मददगार हो।
3 मार्च 2022 को हमारी वर्चुअल बैठक में व्यक्त प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, हम आज "क्वाड पार्टनरशिप ऑन ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिज़ास्टर रिलीफ़ (एचएडीआर) इन द इंडो-पैसिफ़िक" शुरू करने की घोषणा करते हैं। यह साझेदारी क्षेत्र में आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमारे सहयोग को और मज़बूत करेगी।
समापन
आज एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत की एक साझा परिकल्पना के साथ, हम एक बार फिर बुनियादी मूल्यों और सिद्धांतों के महत्व पर ज़ोर देते हैं, और इस क्षेत्र में ठोस परिणाम देने के लिए अथक प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताते हैं। ऐसा करते हुए, हम नेताओं और विदेश मंत्रियों की बैठकों के नियमित आयोजन समेत क्वाड गतिविधियों को व्यवस्थित करेंगे। हम व्यक्तिगत भागीदारी वाला अपना अगला शिखर सम्मेलन 2023 में ऑस्ट्रेलिया की मेज़बानी में आयोजित करने पर सहमत हुए हैं।