ब्रिटेन में फिर से सुनक और जानसन के बीच प्रधानमंत्री बनने की रेस
ब्रिटेन में 44 दिन में लिस् ट्रस की सरकार गिरने के साथ ही फिर से यह कवायद शुरू हो गई की ऋषि सुनक और बोरिस जॉनसन के बीच प्रधानमंत्री पद के लिए बातचीत...
ब्रिटेन में 44 दिन में लिस् ट्रस की सरकार गिरने के साथ ही फिर से यह कवायद शुरू हो गई की ऋषि सुनक और बोरिस जॉनसन के बीच प्रधानमंत्री पद के लिए बातचीत...
ब्रिटेन में 44 दिन में लिस् ट्रस की सरकार गिरने के साथ ही फिर से यह कवायद शुरू हो गई की ऋषि सुनक और बोरिस जॉनसन के बीच प्रधानमंत्री पद के लिए बातचीत चल रही है। इस सिलसिले में दोनों की मुलाकात भी हुई है पर क्या बात हुई अभी ये बाहर नहीं आ पाया है | पर जो भी बात होगी वो ब्रिटैन के राजनीति और जनता के भविष्य को तय करेगी |
ब्रिटेन इस समय अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है कोविड के कारण ध्वस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना एक चुनौती है |
इसके लिए उन्हें इमानदारी से प्रयास करना पड़ेगा साथ ही साथ किसी ऐसे व्यक्ति को अर्थशास्त्र की जिम्मेदारी देनी पड़ेगी जो अपना काम बखूबी जानता हूं
इस संदर्भ में अगर देखे तो ऋषि सुनक का आर्थिक ज्ञान काफी अच्छा है और वह जानसन सरकार में वित्त मंत्री भी रह चुके हैं पर उनके और जानसन के बीच की खटास अब क्या रंग लाती है यह देखना होगा।
ब्रिटेन के लोगों को तय करना है कि उनका प्रधानमंत्री कौन हो | प्रधानमंत्री बनने के लिए जो भी आगे बढ़ेगा उसके लिए चुनौतियां इंतजार कर रही है |
क्यों ये नौबत आयी :
ब्रिटैन में कुछ दिनों पहले ही लिस ट्रस की सरकार बनी थी | पर उनकी आर्थिक नीतियों के कारण उनको अपना पद छोड़ना पड़ा | इससे पहले उनपर धनी लोगों के लिए काम करने का आरोप भी लग चुका था |
सुनक की हार :
सुनक की हार ये बताती है कि ब्रिटेन का समाज अभी भी अमेरिका की तरह नहीं हो पाया है जहाँ पर बाहर से आये हुए ओबामा या कमला हैरिस राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के पोस्ट पर चुन लिए जाते है | ऋषि के न चुने जाने के पीछे उनकी राष्ट्रीयता भी है |