जो बाइडन अचानक पहुँचे यूक्रेन, यूक्रैन के लिए बड़ी ऐलान

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जो बाइडन अचानक पहुँचे यूक्रेन, यूक्रैन के लिए बड़ी ऐलान


'न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक पोलैंड के बॉर्डर पर बहुत गोपनीय तरीके से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को ट्रेन से यूक्रेन पहुंचाया गया। पोलैंड से अचानक यूक्रेन की राजधानी कीएव पहुंचे बाइडन की यात्रा को सुरक्षा कारणों से बहुत गोपनीय रखा गया था. अब बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति बाइडन यूक्रेन से निकल चुके हैं। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि शनिवार को बाइडन ने अपनी पत्नी जिल के साथ एक रेस्तरां में डिनर किया और उसके बाद ख़ामोशी से वॉशिंगटन से रवाना हो गए थे। हालांकि इससे पहले अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया था कि पहले से निर्धारित पूर्वी यूरोप के दौरे में बाइडन यूक्रेन भी जाएंगे।

रूस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर बाइडेन के कीव दौरे पर कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि इससे वहां के मिलिट्री एक्सर्टस और मीडिया में काफी हलचल मची हुई है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के जानेमाने पत्रकार सर्गेई मरदन ने टेलीग्राम चैनल पर लिखा, बाइडेन का कीव में होना रूस के लिए शर्मनाक है। बहादूरी की बातें केवल बच्चों के लिए छोड़ देनी चाहिए।वहीं रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस के पूर्व अधिकारी इगोर गिरकिन ने बाइडेन को दादा जी कहा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि वो जंग के मैदान में आकर भी वापस सही सलामत लौट सकते थे। उन्हें उकसाने के अलावा कुछ आता भी नहीं है।

यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने रूस पर आरोप लगाया है कि उसने 'व्‍यापक स्‍तर पर' परमाणु अभ्‍यास शुरू किया है और अपने सेंट्रल कमांड सिस्‍टम मोनोलिथ को सक्रिय कर दिया है। यूक्रेन के जासूसी ने सूचना दी है कि रूस ने अपने परमाणु सेना का अभ्‍यास शुरू किया है। इसमें परमाणु प्रतिरोधक क्षमता के सभी अंगों सबमरीन, मिसाइल और फाइटर जेट शामिल हैं। परमाणु सेना को कथित रूप से उनके सर्वोच्‍च युद्धक अलर्ट पर रखा गया है। उन्‍होंने कहा कि पुतिन 'परमाणु ब्‍लैकमेल' का इस्‍तेमाल कर रहे हैं ताकि पश्चिमी देश यूक्रेन का समर्थन करना बंद कर दें।

बाइडन ने अमेरिकी और यूक्रेनी झंडों से सजे मंच से कहा, ''एक साल बाद, कीव दृढ़ता से खड़ा है. लोकतंत्र खड़ा है।अमेरिकी आपके साथ खड़े हैं और दुनिया आपके साथ खड़ी है।'' यूक्रेन युद्ध तेज होने की आशंकाओं के बीच बाइडेन उसकी सहायता के लिए सहयोगी देशों को जोड़ने के लिहाज से प्रयासरत हैं। पिछले करीब एक साल में हजारों यूक्रेनी सैनिक और आम नागरिक इस युद्ध के चलते मारे जा चुके हैं।लाखों शरणार्थी देश छोड़कर चले गए और यूक्रेन को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है।

(प्रियांशु )

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