बॉर्डर पर तनाव के बीच काबुल में मिले तालिबान और पाकिस्तान के अधिकारी,सुरक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा

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बॉर्डर पर तनाव के बीच काबुल में मिले तालिबान और पाकिस्तान के अधिकारी,सुरक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा


प्रतिबंधित आतंकी संगठन टीटीपी के हालिया ताबड़तोड़ हमलों और अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच मुख्य सीमा पर लगातार फायरिंग ने पाकिस्तान की नींद उड़ाकर रख दी है। नकदी संकट से जूझ रहे देश को गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, बुधवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में बुधवार को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को काबुल पहुंचा।

पाकिस्तान के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ कर रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के डाइरेक्टर जनरल नदीम अंजुम भी शामिल थे। अफ़ग़ानिस्तान ने पाकिस्तान के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाक़ात के पहले कहा था कि बॉर्डर के मुद्दे को बातचीत से सुलझा लिया जाएगा। वहीं, पाकिस्तान ने उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के काबुल में होने की जानकारी तो दी थी लेकिन बॉर्डर क्रॉसिंग बंद होने को लेकर कुछ नहीं कहा था।

अफगान मंत्रिपरिषद (प्रधानमंत्री) की ओर से एक बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय संपर्क, व्यापार और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। इसमें कहा गया है कि अफगान उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से पाकिस्तान की जेलों में बंद तालिबान के कैदियों को रिहा करने को कहा। उन्होंने तोरखम और चमन के दो प्रमुख बॉर्डर क्रॉसिंग पॉइंट पर ज्यादा सुविधाओं को लेकर भी बात की।

बयान में बरादर के हवाले से कहा गया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान पड़ोसी हैं और उनके बीच सौहार्दपूर्ण संबंध होने चाहिए। अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात, पाकिस्तान के साथ वाणिज्यिक और आर्थिक संबंधों का विस्तार चाहता है, क्योंकि इस तरह के संबंध दोनों देशों के हित में हैं। बयान में कहा गया कि राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक मामलों को प्रभावित नहीं करना चाहिए। उसे राजनीति व सुरक्षा से जुड़ी परेशानियों से अलग रखा जाना चाहिए।

पाकिस्तानी पक्ष ने अफगानिस्तान को समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया, जिसमें कहा गया कि संबंधित मंत्रालयों और समितियों को इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करने के लिए कहा जाएगा। पाकिस्तानी प्रतिधिनिमंडल का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब सीमा अधिकारियों के बीच वार्ता शुरू करने को लेकर गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच तोरखम सीमा व्यापार और क्रॉसिंग पॉइंट लगातार दिसरे दिन बंद रहा।

अब यहां सैकड़ों ट्रक कतार से खड़े हैं. इनमें से अधिकतर पर फल और सब्जियों जैसी चीजें लदी हैं जो जल्दी खराब हो सकती हैं. बॉर्डर के दोनों तरफ यात्री भी फंसे हुए हैं. बड़े नुक़सान की आशंका में घिरे कारोबारी परेशान हैं और अपनी सरकारों से मांग कर रहे हैं कि वो मामले को दोस्ताना तरीके से जल्दी सुलझा लें।

छुटपुट व्यवधानों के बाद भी तोरखाम- जलालाबाद बॉर्डर साल भर व्यस्त रहता है।अफ़ग़ानिस्तान के तमाम संसाधन जब्त हैं। उस पर कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भी लगे हुए हैं। ऐसे में वो कारोबार के लिए इस रास्ते पर बहुत हद तक निर्भर है।इसके बंद होने से पहले से खस्ताहाल अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था को और अधिक चोट पहुंच रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्हें आशंका थी कि स्थिति और खराब होगी लेकिन मामला ठंडा पड़ गया। इस टकराव में पाकिस्तान का एक सैनिक घायल हुआ जबकि तालिबान के एक गार्ड की मौत हो गई। हालांकि, अब वहां संघर्ष विराम की स्थिति है लेकिन बॉर्डर अब भी बंद है।

(प्रियांशु )

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