भारत की छवि ख़राब करने के लिए अंतराष्ट्रीय कोर्ट में मानहानि का वाद दायर किया जाना चाहिए|

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हाल में आयी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में भारत का नंबर अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से भी नीचे 1६१ वे नंबर पर आया। रिपोर्टर्स विदाउट बॉडर्स संस्थान ने एक लिस्ट रिलीज़ किए जिसमें भारत का नंबर तालिबान और हर समय मिलेट्री के साये में रहने वाले पाकिस्तान से भी नीचे आया।

बड़े हैरत की बात है कि इस संस्था को भारत की संख्या और भारत में निकलने वाले 10 हज़ार से ज़्यादा अख़बार और 300 से ज़्यादा चैनल दिखाई नहीं दिये।

आज विदेश में एक वर्ग ऐसा हो गया है जो लगातार भारत और भारतीय हित के ख़िलाफ़ लिख रहा है और ग़लत सूचना फैला रहा है।

इस संस्था को तालिबानी बर्बरता नहीं दिखाई देती है जहाँ एक भारतीय पत्रकार को टैंक के नीचे कुचल दिया गया | इसे पकिस्तान में आर्मी का राज नहीं दिखाई देता और पकिस्तान में मीडिया और उनसे जुड़े लोगो पर आईअसआई और सेना की ज्यादती दिखाई नहीं देती है |

ये संस्था अगर कुछ देख पा रही है तो वो है भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर खतरा , जिस पर कोई खतरा न तो भारतीय नागरिको को दिखाई देता है न ही उसपर किसी तरह का सरकारी नियंत्रण है | पर ये संस्थाए ये सब कुछ उन चंद गद्दार भारतियों के सोशल अकाउंट पढ़ कर जो इस देश का खाते है और इसी देश को बदनाम करते है उसके आधार पर ये रिपोर्ट बना लेते है |

भारत सरकार को इन संस्थाओ पर न सिर्फ बैन लगा देना चाहिए बल्कि भारत की छवि ख़राब करने के लिए इनसे अंतराष्ट्रीय कोर्ट में मानहानि का वाद दायर किया जाना चाहिए|

ऐसी संस्थाए जो अपना एक सेट एजेंडा चलाती है उनको सबक सिखलाना जरुरी है नहीं तो ये इसी तरह से हमारे राष्ट्रिय हितो पर चोट करते रहेंगे |

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