राष्ट्रपति बाइडेन के घर पर फिर FBI की छापेमारी,नहीं मिला कोई गोपनीय दस्तावेज।

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राष्ट्रपति बाइडेन के घर पर फिर FBI की छापेमारी,नहीं मिला कोई गोपनीय दस्तावेज।
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एफबीआई गोपनीय दस्तावेजों की जांच के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के डेलावेयर बीच वाले घर की तलाशी ले रही है। गोपनीय दस्तावेजों गायब होने के सिलसिले में जांच हो रही है। बाइडेन के अटॉर्नी ने जारी बयान में कहा कि यह छापेमारी राष्ट्रपति बाइडेन के पूर्ण सहयोग से साढ़े तीन घंटे तक चला। बाइडेन पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने निजी दफ्तर और घर में गोपनीय दस्तावेज रखे हुए थे। बताया गया था कि ये दस्तावेज उस समय के हैं जब वह 2009 से 2016 तक उपराष्ट्रपति थे। इस मामले में अमेरिकी न्याय विभाग जांच कर रही है।

बुधवार के सर्च ऑपरेशन के बारे में बाइडेन के वकील ने कहा, ''हमने पहले भी उन्हें जांच करने को कहा था। यह भी प्लान्ड सर्च है।'' इससे पहले वकील ने कहा था कि विलमिंगटन के आवास में कुछ डॉक्यूमेंट्स मिले थे, लेकिन रेहोबोथ में कुछ भी नहीं मिला।उसके बाद इसी साल 20 जनवरी को वहां फिर तलाशी ली गई थी।

इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आवास से सीक्रेट दस्तावेज मिले थे। इसमें विदेशी सरकार की परमाणु क्षमता के बारे में जिक्र था, हालांकि उस देश के नाम का खुलासा नहीं किया गया था। अदालत में दिए गए एफबीआई के हलफनामे के अनुसार, छापेमारी के दौरान ट्रंप के घर से 11000 से अधिक सरकारी दस्तावेज बरामद किए गए थे। इसमें कई तो विदेशों में हुए टॉप सीक्रेट ऑपरेशन से जुड़े हुए दस्तावेज भी थे।

द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपनीय दस्तावेज उन्हें कहा जाता है, जिनमें संवेदनशील जानकारी हो और इनके सबके सामने आने से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचने के खतरे की आशंका रहती है।दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका में इस तरह से गोपनीय दस्तावेज संरक्षित किए जा रहे हैं। गोपनीय जानकारी में कागजी दस्तावेज, ईमेल, फोटोग्राफ, मानचित्र, चित्र, डेटाबेस और हार्ड ड्राइव शामिल हो सकते हैं। माध्यम चाहे जो भी हो, लेकिन ये जानकारी अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी अहम मानी जाती है. इन दस्तावेजों तक सिर्फ अधिकृत अधिकारियों की पहुंच होती है।

( प्रियांशु )

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