29 नवंबर को पाकिस्तान प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल होगा समाप्त

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29 नवंबर को पाकिस्तान प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा  का कार्यकाल  होगा समाप्त

पाकिस्तान प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का छह साल का कार्यकाल पूरा होने वाला हैं। इस बात पर अटकलें लगाई जा रहीं हैंl वहा का अगला सेना प्रमुख प्रतिष्ठित पद को कौन संभालेगा। जो 29 नवंबर को बाजवा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है।

इस घटनाक्रम के संबंध भारत ने बारीकी से नजर रखने के लिए बाध्य है। क्योंकि अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति उस दिशा को निर्धारित करेगी जो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने में सहयोग करेंगा कम से कम अगले कुछ साल लगेंगे।

भारतीय सेना के दिग्गजों और विशेषज्ञों की मदद से - भारत पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख की नियुक्ति के निहितार्थ सरकार पर सेना का कितना प्रभाव है। जनरल बाजवा के कार्यकाल का क्या मतलब है भारत के साथ संबंध में। अगले प्रमुख की नियुक्ति कैसे होगी?

वर्तमान प्रमुख जनरल बाजवा ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पांच वरिष्ठ जनरलों की एक सूची सौंपेंगे। जिसमे से किसी एक का चयन होना हैं जो पहले सफल रहा हो।

नियुक्ति 1952 के सेना अधिनियम में संशोधन के माध्यम से सेना के भीतर नियुक्तियों में एक बड़ी रोल अदा करने की मांग करने वाले रक्षा मंत्रालय की पृष्ठभूमि में आएगी।

भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार शायद चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं करेगी। ऐसे समय में जब देश में इसकी अपनी वैधता अभी भी विवादित है। करने और कहने में बहुत फर्क होता है।

स्थापित लोकतंत्र में सेना और उसके सभी प्रमुखों को नागरिक प्रतिष्ठान से आदेश लेना चाहिए। किसी देश के सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए नियमित रुप से कई स्तर होते है। जब तक सत्ता में सरकार जो सभी नीतिगत फैसला लेती है। तब तक कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता है।

1965 और 1971 के युद्धों के एक अनुभवी लेफ्टिनेंट जनरल कमल डावर (सेवानिवृत्त) ने बताया। पाकिस्तानी सेना का ही शासन होता है। चुनाव कोई भी राजनीतिक पार्टी जीते।

चाहे वह जनरल बाजवा हों या कोई अन्य प्रमुख, पाकिस्तानी सेना का महत्व भारत विरोधी रुख पर है। इसलिए उन्हें भारत विरोधी कार्ड खेलना जारी रखना होगा। चाहे सेना प्रमुख कोई भी हो," लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ (रिटायर्ड) ने द क्विंट को बताया।

भारत के संबंध में पाकिस्तान द्वारा लिए गए किसी भी और सभी फैसलों में अगले सेना प्रमुख की छाप होना निश्चित है।

2016 में देश के सेना प्रमुख बाजवा को नियुक्त किया गया था। 2019 में उन्हें विस्तार मिला। अपने कार्यकाल में भारत के साथ उरी और पुलवामा आतंकी घटनाओं और 2019 में दोनों देशों के बीच हवाई झड़पों सहित कई वृद्धि देखने को मिलता है।

बाजवा के कार्यकाल में फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 के बाद पहली बार युद्धविराम जैसे समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए। जो कुछ इधर उधर की घटनाओं को छोड़कर अभी तक सफल रहा है।

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