90 व्हेल की मौत के बाद ऑस्ट्रेलिया में 180 फंसे व्हेल को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है

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90 व्हेल की मौत के बाद ऑस्ट्रेलिया में 180 फंसे व्हेल को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है
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समुद्री जीवविज्ञानियों को ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी द्वीप तस्मानिया (Australia, Tasmania) में मैक्वेरी हार्बर समुद्र तट पर 20 सितंबर को लगभग 270 पायलट व्हेलों के फंसे होने की सूचना मिली थी।

इन व्हेलों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया। इसके तहत वर्ल्ड हेरिटेज क्रूज के मेंबर गाइ ग्रिनिंग ने मैक्वेरी के ऊपर हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी तो उन्होंने पाया कि कम से कम 25 पायलट व्हेलों की पहले ही मौत हो चुकी है।

ऊपर से देखने पर पहले तो सरकारी वैज्ञानिकों को लगा कि करीब 70 व्हेल फंसी हुई हैं लेकिन बाद में करीब से देखने पर सही संख्या का पता चला। तस्मानिया के प्राथमिक उद्योग, पार्क, जल और पर्यावरण विभाग ने कहा कि ये व्हेल मैक्वेरी के उथले पानी में तीन समूहों में फंसी हुई थीं जो राज्य की राजधानी होबार्ट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 200 किलोमीटर (120 मील) दूर है।

तस्मानिया में 10 सालों बाद हुई ऐसी घटना

तस्मानिया पार्क एंड वाइल्डलाइफ सर्विस के एक क्षेत्रीय प्रबंधक निक डेका ने कहा कि तस्मानिया में समुद्र तट की रेत पर पायलट व्हेलों के फंसे होने की घटना कोई नई या असामान्य घटना नहीं है। आमतौर पर हर दो या तीन हफ्तों में एक बार तस्मानिया में डॉल्फिन और व्हेल के फंसे होने की घटना होती है।

हालांकि इनके इतने बड़े समूह में फंसे होने की घटना 10 सालों बाद सामने आई है। ऐसी घटना आखिरी बार साल 2009 में सामने आई थी जब समुद्र तट पर 200 व्हेलों को फंसा हुआ देखा गया था। साल 2018 में भी ऐसी ही एक घटना में न्यूजीलैंड के तट पर करीब 100 पायलट व्हेलों की मौत हो गई थी।

पायलट व्हेल समूह में करती हैं यात्रा

पायलट व्हेल (Pilot Whale) समुद्री डॉलफिन की एक प्रजाति है जो 7 मीटर (23 फीट) लंबी होती है और इसका वजन 3 टन तक हो सकता है। ये व्हेल समूह में यात्रा करती हैं जिसे व्हेलों की फली भी कहा जाता है।

ये समुद्र तट पर अपने समूह के एक लीडर को फॉलो करती हैं या ग्रुप में किसी साथी के घायल हो जाने पर उसके आसपास बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो जाती हैं। इस तरह समूह में व्हेलों के फंसने की वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है।

बताया जाता है कि कई बार कोई एक व्हेल किनारे पर आ जाती है और फिर तकलीफ में दूसरी व्हेलों के पास संकेत भेजती है. उस व्हेल के संकेतों को पाकर दूसरी व्हेलें भी उसके पास आने लगती हैं और फंसती चली जाती हैं।

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