लोकतंत्र बहुमूल्य है। लोकतंत्र नाजुक है। और आज, मेरे मित्रों, लोकतंत्र की जीत हुई है:राष्ट्रपति जोसेफ़ आर. बाइडेन, जूनियर

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लोकतंत्र बहुमूल्य है। लोकतंत्र नाजुक है। और आज, मेरे मित्रों, लोकतंत्र की जीत हुई है:राष्ट्रपति जोसेफ़ आर. बाइडेन, जूनियर


मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स, उपराष्ट्रपति हैरिस, स्पीकर पेलोसी, लीडर शूमर, लीडर मैककोनेल, उपराष्ट्रपति पेंस, विशिष्ट अतिथिगण, मेरे साथी अमेरिकियों, ये अमेरिका का दिन है। ये लोकतंत्र का दिन है, इतिहास और आशा का, नवीकरण और संकल्प का दिन। इतिहास में अमेरिका को बारंबार परखा गया है। और अमेरिका ने हमेशा चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। आज हम जीत का जश्न मना रहे हैं, एक उम्मीदवार की जीत नहीं, बल्कि एक सिद्धांत की जीत, लोकतंत्र के सिद्धांत की। लोगों की आकांक्षा को सुना गया है, और जनता की आकांक्षा पर ध्यान दिया गया है।


हमने फिर से सीखा है कि लोकतंत्र बहुमूल्य है। लोकतंत्र नाजुक है। और आज, मेरे मित्रों, लोकतंत्र की जीत हुई है। (तालियां)


तो अब इस पवित्र भूमि पर, जहां कुछ दिन पहले ही हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिलाने की कोशिश की थी, हम ईशकृपा से एक राष्ट्र के रूप में एकजुट और अविभाज्य होकर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को अंजाम दे रहे हैं, जैसा कि हम दो शताब्दियों से अधिक समय से करते रहे हैं। आज जब हम अपने विशिष्ट अमेरिकी नज़रिए — बेताब, निर्भीक, आशावादी — से भविष्य की ओर देख रहे हैं, और एक ऐसा राष्ट्र बनने के लिए तैयार हैं, तो हमें पता है कि हम बन सकते हैं और हम बनेंगे।


मैं आज यहां उपस्थित होने के लिए दोनों दलों के अपने पूर्ववर्तियों को धन्यवाद देता हूं। मैं उन्हें तहेदिल से धन्यवाद देता हूं। (तालियां) और मुझे — (तालियां) और मुझे हमारे संविधान की दृढ़ता और ताक़त, हमारे राष्ट्र की ताक़त का अहसास है, और राष्ट्रपति कार्टर को भी, जिनसे मैंने कल रात बात की थी, जो आज हमारे बीच उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन जिन्हें उनकी जीवनपर्यंत सेवा के लिए हम सलाम करते हैं।


मैंने अभी-अभी पवित्र शपथ ली जो उन तमाम राष्ट्रभक्तों ने ली थी। सबसे पहले जॉर्ज वाशिंगटन ने ये शपथ ली थी। लेकिन अमेरिका की कहानी हममें से किसी एक पर नहीं, हममें से कुछेक पर नहीं, बल्कि हम सभी पर, तमाम जनता पर निर्भर करती है, जो एक अधिक परिपूर्ण संघ चाहते हैं। ये एक महान राष्ट्र है। हम अच्छे लोग हैं। और सदियों में, तूफ़ानों और संघर्षों, शांति और युद्ध, से गुजरते हुए हम यहां तक पहुंचे हैं, लेकिन हमें अभी बहुत आगे जाना है।


हम तेज़ी और तत्परता से आगे बढ़ेंगे, क्योंकि विकट आपदा और महत्वपूर्ण संभावनाओं के इस दौर में हम बहुत कुछ कर सकते हैं। बहुत कुछ ठीक करना है, बहुत कुछ दोबारा बहाल करना है, बहुत ज़ख्म भरने हैं, बहुत निर्माण करने हैं, और हासिल करने को बहुत कुछ है। हमारे देश के इतिहास में कम ही लोगों को इतनी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा होगा या इतने चुनौतीपूर्ण या मुश्किल वक़्त का सामना करना पड़ा होगा, जितना कि इस समय हमारे लिए है।


सदी में एक बार आने वाला एक वायरस चुपके-चुपके देश में तबाही मचा रहा है। यह एक वर्ष में ही उतनी ज़िंदगियों को लील गया है जितनी अमेरिका ने पूरे द्वितीय विश्वयुद्ध में नहीं गंवाई थी। लाखों नौकरियां चली गईं, लाखों व्यवसाय बंद हो गए और क़रीब 400 वर्षों से की जा रही नस्लीय न्याय की गुहार हमें उद्वेलित कर रही है। सबके लिए न्याय के सपने को अब और नहीं टाला जाएगा। (तालियां)


खुद हमारी धरती अपने अस्तित्व के लिए गुहार लगा रही है। ऐसी गुहार जो और अधिक हताशा भरी या स्पष्ट नहीं हो सकती, और अब राजनीतिक अतिवाद, श्वेत वर्चस्ववाद और घरेलू आतंकवाद का उभार, जिसका हमें सामना करना होगा और हम इसे हराएंगे। (तालियां)


इन चुनौतियों से पार पाने के लिए, अमेरिका की अंतरात्मा को पुनर्स्थापित करने और अमेरिका के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बहुत कुछ करना होगा, सिर्फ़ बातों से काम नहीं चलेगा। इसके लिए लोकतंत्र में सबसे मुश्किल से पकड़ वाली चीज़, एकता की ज़रूरत है। एकता। जनवरी के ही महीने में, 1863 में नववर्ष के दिन, अब्राहम लिंकन ने मुक्ति उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। जब उन्होंने इस बारे में लिखा, तो राष्ट्रपति ने कहा, उन्हीं के शब्दों में, "अगर मेरा नाम कभी इतिहास में लिया जाता है, तो इस अधिनियम के लिए लिया जाएगा, और इसमें मेरी संपूर्ण आत्मा शामिल है।"


"इसमें मेरी संपूर्ण आत्मा शामिल है।" आज, जनवरी के इस दिन, मेरी संपूर्ण आत्मा इनमें शामिल है: अमेरिका को एकजुट करना, लोगों में एकता लाना, राष्ट्र को एक करना। और मैं प्रत्येक अमेरिकी से इस उद्देश्य में मेरा साथ देने का आह्वान करता हूं। (तालियां)


हमें सामने मौजूद क्रोध, आक्रोश और घृणा, अतिवाद, अराजकता, हिंसा, बीमारी, बेरोज़गारी और निराशा जैसे दुश्मनों का सामना करने के लिए एकजुट होना है। एक होकर, हम महान कार्य, महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं।


हम गलतियों को सुधार सकते हैं। हम लोगों को अच्छे काम में लगा सकते हैं। हम अपने बच्चों को सुरक्षित स्कूलों में पढ़ा सकते हैं। हम इस घातक वायरस पर क़ाबू पा सकते हैं। हम अच्छे काम को पुरस्कृत कर सकते हैं, मध्यम वर्ग का पुनर्निर्माण कर सकते हैं और सभी के लिए हेल्थकेयर की व्यवस्था कर सकते हैं। हम नस्ली भेदभाव के खिलाफ़ न्याय सुनिश्चित कर सकते हैं और हम अमेरिका को एक बार फिर से दुनिया में अच्छाई की अग्रणी ताक़त बना सकते हैं।


मुझे पता है कि इन दिनों एकता की बात करना कुछ लोगों को मूर्खतापूर्ण फंतासी लग सकती है। मैं जानता हूं कि हमें विभाजित करने वाली ताक़तें गहरी और वास्तविक हैं। लेकिन मुझे यह भी पता है कि वे नई नहीं हैं। हमारा इतिहास सबकी बराबरी के अमेरिकी आदर्श तथा नस्लवाद, मूल निवासीवाद, भय फैलाने और दूसरों को बुरा बताने की कठोर भद्दी वास्तविकता के बीच निरंतर संघर्ष का रहा है, जिसने लंबे समय से हमें बांटने का काम किया है।


ये संघर्ष सतत चलता है, और जीत कभी पूर्व निश्चित नहीं होती है। गृह युद्ध, महामंदी, विश्व युद्ध और 9/11 का सामना करते हुए, संघर्ष और बलिदान के ज़रिए, और असफलताओं को झेलते हुए, अच्छाई की हमेशा जीत हुई है। इस तरह के हर मौक़े पर, हममें से बहुतों ने सबको मुश्किलों से बाहर करने के लिए एकजुट प्रयास किए, आज भी हम ऐसा कर सकते हैं।


इतिहास, आस्था और विवेक राह दिखाते हैं, एकता की राह। हम एक-दूसरे को विरोधी के रूप में नहीं, बल्कि पड़ोसी के रूप में देख सकते हैं। हम एक-दूसरे के प्रति सम्मानजनक और गरिमापूर्ण व्यवहार कर सकते हैं। हम सकारात्मक बलों से जुड़ सकते हैं, शोर मचाना बंद कर सकते हैं और तनाव घटा सकते हैं। एकता के बिना शांति नहीं स्थापित होती, केवल कड़वाहट और रोष रहता है। कोई प्रगति नहीं, केवल थकाऊ आक्रोश। कोई राष्ट्र नहीं, केवल अराजकता की स्थिति।


हमारे लिए यह संकट और चुनौती का ऐतिहासिक क्षण है, और एकता ही आगे की राह है। और हमें इस क्षण का एकजुट अमेरिका के रूप में सामना करना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं, तो मैं आपको गारंटी देता हूं, हम असफल नहीं होंगे। एकजुट होकर काम करने पर हम अमेरिका में कभी भी, कभी भी, एक बार भी विफल नहीं रहे हैं।


और इसलिए आइए आज, इसी समय, इसी जगह से, हम सब एक नई शुरुआत करते हैं। आइए फिर से एक दूसरे को सुनना शुरू करते हैं। एक दूसरे की सुनते हैं। एक दूसरे से मिलते हैं। एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाते हैं। राजनीति धधकती आग की तरह नहीं होनी चाहिए, कि राह में आने वाली हर चीज़ को नष्ट कर दे। हर असहमति को खुले युद्ध का कारण नहीं बनना चाहिए। और हमें उस संस्कृति को अस्वीकार करना चाहिए जिसमें तथ्यों तक में हेरफेर किया जाता हो, और यहां तक कि बनावटी तथ्य भी पेश किए जाते हों। (तालियां)


मेरे साथी अमेरिकियों, हमें इससे अलग बनना पड़ेगा। अमेरिका को इससे कहीं बेहतर होना पड़ेगा और मेरा मानना है कि अमेरिका इससे बहुत बेहतर है। नज़रें घुमाकर देखें। यहां हम कैपिटल के गुंबद के साये में खड़े हैं, जैसा कि मैं कह चुका हूं, इसे गृहयुद्ध के बीच पूरा किया गया था, जब वास्तव में संघ के अस्तित्व पर संकट था। लेकिन, हम उस दौर को झेल गए। हम सफल रहे।


यहां खड़े होकर हम उस महान मॉल की ओर देख रहे हैं जहां डॉ. किंग ने अपने सपने की बात की थी। जहां हम खड़े हैं वहां, 108 साल पहले एक अन्य शपथग्रहण समारोह के अवसर पर, हजारों प्रदर्शनकारियों ने उन बहादुर महिलाओं को रोकने की कोशिश की थी जो मतदान के अधिकार के लिए प्रदर्शन कर रही थीं। और आज, हम राष्ट्रीय कार्यालय के लिए निर्वाचित अमेरिकी इतिहास की पहली महिला के शपथग्रहण का गवाह बने, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस।


इसलिए ये न सोचें कि स्थितियां बदल नहीं सकती हैं! (तालियां)


यहां हम अर्मलिंग्टन सीमेट्री, पोटोमैक के पार, की सीध में खड़े हैं, जहां देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नायक परम शांति की अवस्था में मौजूद हैं। और हम यहां खड़े हैं, जहां कुछ ही दिन पहले एक दंगाई भीड़ को लगा था कि वे लोगों की आकांक्षा को दबाने, लोकतंत्र के काम को रोकने और इस पवित्र भूमि से हमें खदेड़ने के लिए हिंसा का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा नहीं हुआ। यह कभी नहीं होगा। आज नहीं। कल नहीं। कभी नहीं। कभी नहीं। (वाहवाही और तालियां)


उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने हमारे अभियान का समर्थन किया है, मैं हमारे ऊपर आपके विश्वास के प्रति श्रद्धावनत हूं। उन सभी लोगों से जिन्होंने हमें समर्थन नहीं दिया, मैं ये कहना चाहता हूं। आगे मेरी बातों को सुनें। मेरे काम और विचारों का मूल्यांकन करें।


यदि आप अभी भी असहमत हैं, तो भी कोई बात नहीं। यही तो लोकतंत्र है। यही तो अमेरिका है। शांतिपूर्ण असहमति का अधिकार। हमारे गणतंत्र के दायरे में, यह शायद इस देश की सबसे बड़ी ताक़त है। फिर भी मुझे स्पष्ट रूप से सुनें, असहमति विभेद की वजह नहीं बने। और मैं आपको यह वचन देता हूं, मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनूंगा, सभी अमेरिकियों का। (तालियां) और मैं आपसे वादा करता हूं, मैं मुझे समर्थन देने वालों के लिए भी उतना ही कड़ा संघर्ष करूंगा, जितना समर्थन देने वालों के लिए। (तालियां)


सदियों पहले, सेंट ऑगस्टिन, मेरे चर्च के संत ने लिखा था कि समुदाय अपनी चाहत की साझी चीज़ों द्वारा परिभाषित समूह होता है। अपनी चाहत की साझी चीज़ों द्वारा परिभाषित। हम अमेरिकियों की चाहत की साझी चीज़ें क्या हैं, जो हमें अमेरिकियों के रूप में परिभाषित करती हैं?


मुझे लगता है कि हम जानते हैं। अवसर, सुरक्षा, स्वतंत्रता, गरिमा, सम्मान, प्रतिष्ठा और, हां, सच्चाई। (तालियां) हाल के हफ्तों और महीनों ने हमें एक पीड़ादायक सबक सिखाया है। सत्य भी है और झूठ भी। झूठ को सत्ता और फ़ायदे के लिए बोला जाता है।


और हम में से प्रत्येक का एक कर्तव्य है और नागरिकों के रूप में एक ज़िम्मेदारी है, अमेरिकियों के रूप में, और विशेष रूप से नेताओं के रूप में, ऐसे नेता जिन्होंने हमारे संविधान का सम्मान करने और हमारे राष्ट्र की रक्षा करने, सत्य की रक्षा करने और झूठ को हराने की प्रतिज्ञा की है। (तालियां)


देखिए – (तालियां) – मैं समझता हूं कि मेरे बहुत से साथी अमेरिकी भविष्य को डर और हताशा से देखते हैं। मैं समझता हूं कि वे अपनी नौकरियों के बारे में चिंता करते हैं। अपने पिता की तरह ही, मैं समझता हूं कि वे रात को बिस्तर पर लेटे हुए छत की ओर देखते हुए सोचते हैं, कि क्या मैं अपना हेल्थकेयर जारी रख पाऊंगा, क्या मैं अपने मॉर्गेज का भुगतान कर पाऊंगा। अपने परिवारों के बारे में सोचते हैं कि आगे क्या होगा। मैं आपसे वादा करता हूं, मैं ये सब समझता हूं।


लेकिन इसका समाधान अपने में समिट जाना, प्रतिस्पर्धी गुटों में बंट जाना, अपने से अलग दिखने या अलग आस्था रखने वाले या अपने से अलग स्रोत से खबरें पाने वाले लोगों पर अविश्वास करना नहीं है। हमें इस असभ्य युद्ध को समाप्त करना चाहिए, जो रिपब्लिकन को डेमोक्रेट से, ग्रामीण को शहरी से, रूढ़िवादी को उदारवादी से भिड़ाता है। हम ऐसा कर सकते हैं, यदि हम अपने दिलों को सख्त करने के बजाय अपने मन को खोल सकें।


यदि हम थोड़ी सहनशीलता और विनम्रता दिखाते हैं, और यदि हम दूसरे व्यक्ति की स्थिति को समझने के लिए तैयार हों – जैसा कि मेरी मां कहती – बस एक पल के लिए, उनके हिसाब से चीज़ों को देखें। क्योंकि जीवन की एक सच्चाई है: भाग्य आपके लिए कैसा होगा, इसका कोई हिसाब नहीं है।


कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आपको सहारे की ज़रूरत होती है। कुछ ऐसे भी दिन होते हैं जब हमसे सहारा देने को कहा जाता है। ऐसा ही होता है। यही हम एक-दूसरे के लिए करते हैं।


और अगर हम इस तरह चले, तो हमारा देश मज़बूत होगा, अधिक समृद्ध होगा, भविष्य के लिए अधिक तैयार होगा। और हम फिर भी असहमत हो सकते हैं। मेरे साथी अमेरिकियों, हमारे भावी कार्यों में, हमें एक दूसरे की ज़रूरत है। हमें इस कठिन दौर से गुजरते हुए अपनी सारी शक्तियों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। हम ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं जो महामारी का सबसे कठिन और घातक दौर साबित हो सकता है।


हमें राजनीति किनारे रखते हुए अंतत: एक एकजुट राष्ट्र के रूप में इस महामारी का सामना करना चाहिए। और मैं आपसे यह वादा करता हूं। जैसा कि बाइबल कहती है, "रोओ, तुम एक रात काट सकते सकते हो, लेकिन भोर आनंद लाएगी।" हम इस संकट का साथ मिलकर सामना करेंगे। एक साथ। देखिए, दोस्तों, मेरे सभी सहकर्मियों जिनके साथ मैंने हाउस और सीनेट में काम किया है, हम सभी समझते हैं, दुनिया देख रही है, आज हम सबको देख रही है। इसलिए उन लोगों के लिए, जो हमारी सीमाओं से परे हैं, मेरा ये संदेश है।


अमेरिका पहले भी मुश्किलों से गुजरा है, और हम उनसे और मज़बूत होकर निकले हैं। हम अपने गठबंधनों को दोबारा जोड़ेंगे और एक बार फिर दुनिया के साथ जुड़ेंगे। अतीत की चुनौतियों के लिए नहीं, बल्कि आज और आने वाले कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए। (तालियां)


और हम केवल अपनी ताक़त की मिसाल से नहीं, बल्कि अपनी मिसाल की ताक़त से नेतृत्व करेंगे। (तालियां) हम शांति, प्रगति और सुरक्षा के लिए एक मज़बूत और विश्वसनीय साझेदार होंगे।


देखिए, आप सभी जानते हैं, हम इस राष्ट्र में तमाम कठिनाइयों का सामना कर चुके हैं। राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्य के तहत, मैं आपको उन सभी की स्मृति में मौन प्रार्थना के एक पल में शामिल होने का आग्रह करना चाहूंगा, जिन्हें हमने पिछले साल भर के दौरान महामारी में खो दिया, उन चार सौ हजार साथी अमेरिकियों की स्मृति में — जिनमें मां, पिता, पति, पत्नी, बेटा, बेटी, पड़ोसी, सहकर्मी सब शामिल हैं। हम उन लोगों का सम्मान ऐसा राष्ट्र बनकर करेंगे जोकि हमें पता हम बन सकते हैं और बनना चाहिए।


इसलिए, मैं आपसे आग्रह करता हूं, आइए उन लोगों के लिए मौन प्रार्थना करें, जिन्होंने अपना जीवन खो दिया है, और जो पीछे छूट गए हैं, और अपने देश के लिए।


आमेन। मित्रों, यह मुश्किलों का समय है। हम अपने लोकतंत्र पर और सच पर हमले का सामना कर रहे हैं। तेज़ी से फैलता वायरस, बढ़ती असमानता, व्यवस्थागत नस्लवाद का दंश, जलवायु का संकट, और दुनिया में अमेरिका की भूमिका। इनमें से कोई भी हमें गंभीर चुनौती देने के लिए पर्याप्त होगा। लेकिन तथ्य यह है, हम एक साथ इन सबका सामना कर रहे हैं। इस कारण देश के ऊपर बहुत गंभीर ज़िम्मेदारियां हैं। अब हमें परखा जाएगा।


क्या हम अपने प्रयास बढ़ाने जा रहे हैं, हम सभी? यह साहस दिखाने का समय है, क्योंकि करने के लिए बहुत काम हैं। और यह निश्चित है। मैं आपसे वादा करता हूं, हमारा आकलन, आपका और मेरा, इस आधार पर होगा कि हम अपने दौर के इन गंभीर संकटों का किस प्रकार समाधान करते हैं, हम और आप को आंका जाएगा। क्या हम इस इन परिस्थितियों का सामना करने के लिए कार्य करेंगे, सवाल ये है। क्या हम इस दुर्लभ और मुश्किल दौर पर काबू पाएंगे?


क्या हम अपने दायित्वों को पूरा करेंगे, और अपने बच्चों को एक नई और बेहतर दुनिया सौंप सकेंगे? मुझे यक़ीन है कि हम ऐसा करेंगे। मुझे यक़ीन है कि आप भी ऐसा मानते होंगे। मुझे विश्वास है कि हम ऐसा करेंगे। और जब हम ऐसा करेंगे, तो हम अमेरिका के इतिहास में अगला महान अध्याय जोड़ेंगे, अमेरिकी कहानी, ऐसी कहानी जो एक गीत की तरह लग सकती है जो मेरे लिए बहुत मायने रखती है। इसे "अमेरिकन एंथम" कहा जाता है। और इसमें एक ऐसा छंद है जो सबसे अलग है, कम से कम मेरे लिए।


और यह कुछ इस प्रकार है: "सदियों के काम और प्रार्थनाओं के सहारे आज हम यहां तक पहुंचे हैं। हमारी विरासत क्या होगी? हमारे बच्चे क्या कहेंगे? मेरा वक़्त पूरा होने पर मेरे दिल को मालूम हो। अमेरिका, अमेरिका, मैंने तुम्हें अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।" आइए जोड़ते हैं। आइए हम अपने काम और प्रार्थनाओं को अपने महान राष्ट्र की बनती हुई कहानी से जोड़ें।


यदि हम ऐसा करते हैं, तो जब हमारे दिन पूरे हो जाएंगे, हमारे बच्चे और हमारे बच्चों के बच्चे हमारे बारे में कहेंगे, उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया, उन्होंने एक ज़ख्मी राष्ट्र को मरहम लगाया। मेरे साथी अमेरिकियों, मैं आज के आयोजन को वहीं संपन्न करता हूं जहां मैंने शुरू किया था, भगवान और आपके समक्ष एक पवित्र शपथ के साथ। मैं आपको अपना वचन देता हूं, मैं हमेशा आपके प्रति ईमानदार रहूंगा। मैं संविधान की रक्षा करूंगा। मैं हमारे लोकतंत्र की रक्षा करूंगा। मैं अमेरिका की रक्षा करूंगा।


और मैं अपना सर्वस्व दूंगा, आप सभी को, सब कुछ मैं आपकी सेवा में करूंगा, सत्ता की नहीं बल्कि संभावनाओं के बारे में सोचते हुए, व्यक्तिगत क्षति की नहीं बल्कि जनकल्याण की सोच के साथ। और साथ मिलकर हम उम्मीद की अमेरिकी कहानी लिखेंगे, नकि डर की। एकता की, नकि विभाजन की। प्रकाश की, नकि अंधकार की। शालीनता और गरिमा, प्रेम और सांत्वना, महानता और अच्छाई की कहानी।


कामना करता हूं कि ये ऐसी कहानी हो जो हमारा मार्गदर्शन करे, वह कहानी जो हमें प्रेरित करे, और ऐसी कहानी जो आने वाले युगों को बताए हमने इतिहास की पुकार को सुना, हमने सही काम किए। लोकतंत्र और आशा, सच्चाई और न्याय, हमारी मौजूदगी में ख़त्म नहीं हुए, बल्कि और संपन्न हुए, कि अमेरिका ने अपने यहां स्वतंत्रता को सुरक्षित बनाया और एक बार फिर दुनिया के लिए प्रकाशस्तंभ बना। अपने पूर्वजों के प्रति, एक-दूसरे के प्रति और भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा यही दायित्व है।


इसलिए, उद्देश्य और संकल्प के साथ, विश्वास से प्रेरित होकर, तथा एक-दूसरे के प्रति और देश के लिए समर्पित होकर जिसे हम दिलोजान से प्यार करते हैं, हम अपने दौर के इन सारे कार्यों की ओर मुड़ते हैं। ईश्वर अमेरिका को आशीष दे और ईश्वर हमारे सैनिकों की रक्षा करे। धन्यवाद, अमेरिका।


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