दुनिया में आने वाली है नई महामारी, जो कोरोना से भी ज्यादा है खतरनाक

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दुनिया में आने वाली है नई महामारी, जो कोरोना से भी ज्यादा है खतरनाक
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दुनियाभर के लोगों, सावधान हो जाइए! विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि एक और बड़ी महामारी आने वाली है, जो कोविड-19 यानी कोरोना से भी ज़्यादा खतरनाक हो सकती है!

ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वैलेंस ने दुनिया को चेतावनी दी है कि एक ऐसी बीमारी आ रही है जो कोरोना से भी खतरनाक है. वैलेंस ने कहा है कि अगर हम अभी से इस बीमारी के लिए सावधान हो जाएं तो कोरोना के समय जैसे लॉकडाउन और प्रतिबंध लगाने से बच सकते हैं.

डब्ल्यूएचओ ने इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए अपने सदस्य देशों से इस महामारी का सामना करने की रणनीति बनाने के लिए कहा है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस वैश्विक महामारी का सामना करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समन्वय ज़रूरी है.

डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेड्रोस अधनोम ने कहा है कि अगले हफ्ते होने वाली बैठक में सभी देश इस मामले पर गंभीरता से सोचेंगे. हालांकि, इससे पहले की बैठकों में डब्ल्यूएचओ के सदस्य देशों में ब्रिटिश वैज्ञानिक की चेतावनी को लेकर कोई विशेष सावधानी नहीं देखी गई थी.

हमें इस महामारी के आने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए, बल्कि अभी से इसका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. यह एक गंभीर चेतावनी है और हम सभी को इस पर ध्यान देना चाहिए. सावधान रहें, स्वस्थ रहें!

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों (आईएचआर) में संशोधन करने पर सहमति जताई जैसे कि वैश्विक महामारी आपातकाल शब्द को परिभाषित करना और विकासशील देशों को वित्तपोषण एवं चिकित्सा उत्पादों तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने में मदद करना. इन नियमों में इससे पहले 2005 में बदलाव किया गया था. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने वैश्विक महामारियों से निपटने संबंधी अधिक व्यापक संधि अपनाने की योजनाएं पर सहमति नहीं बन पाने पर इस साल अपनी छह दिवसीय 'विश्व स्वास्थ्य सभाÓ को समाप्त कर दिया था. प्रौद्योगिकी के बेहतर आदान-प्रदान और महामारी फैलाने वाले रोगाणुओं के बारे में असहमति के कारण योजनाओं पर सहमति नहीं बन पाई थी.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि देशों ने महामारी से निपटने संबंधी समझौते पर वार्ता को वर्ष के अंत तक पूरा करने पर सहमति व्यक्त की. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, आईएचआर संशोधनों की सफलता दर्शाती है कि हमारी विभाजित और विभाजनकारी दुनिया में देश अब भी साझा उद्देश्य और साझा आधार खोजने के लिए एक साथ आ सकते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि देशों ने वैश्विक महामारी आपात स्थिति को एक संक्रामक रोग के रूप में परिभाषित किया है, जो भौगोलिक आधार पर व्यापक रूप से फैल सकती है या जिसका जोखिम बहुत अधिक है.

एजेंसी ने कहा कि इसे ऐसे प्रकोप के रूप में भी परिभाषित किया गया है जो उल्लेखनीय आर्थिक या सामाजिक व्यवधान पैदा कर सकता है तथा जिसके लिए त्वरित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता है. डब्ल्यूएचओ के कानूनी अधिकारी स्टीवन सोलोमन ने कहा कि स्वास्थ्य नियमों को संशोधित करने का कदम तुरंत प्रभावी नहीं होगा, बल्कि यह टेड्रोस द्वारा निर्णय के बारे में देशों को औपचारिक रूप से सूचित करने के एक साल बाद लागू होगा.

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