अमेरिकियों को सेंसर करने वाले विदेशी नागरिकों को लक्षित वीज़ा प्रतिबंध नीति की घोषणा

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अमेरिकियों को सेंसर करने वाले विदेशी नागरिकों को लक्षित वीज़ा प्रतिबंध नीति की घोषणा
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स्वतंत्र अभिव्यक्ति उन सर्वाधिक प्रिय अधिकारों में से एक है जिसका हम अमेरिकी खुलकर इस्तेमाल करते हैं। हमारे संविधान में विधिक रूप से निहित इस अधिकार ने हमें दुनिया भर में स्वतंत्रता के प्रकाश स्तंभ के रूप में विशिष्ट पहचान दिलाई है। एक तरफ हम स्वदेश में सेंसरशिप को अस्वीकार करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं, वहीं हमें विदेशी सरकारों और विदेशी अधिकारियों के सेंसरशिप अपनाने के चिंताजनक उदाहरण देखने को मिल रहे हैं। कुछ मामलों में, विदेशी अधिकारियों ने अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों और अमेरिकी नागरिकों और निवासियों के खिलाफ़ सेंसरशिप की खुल्लम खुल्ला कार्रवाई की है, जबकि उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।

आज, मैं एक नई वीज़ा प्रतिबंध नीति घोषित कर रहा हूं जो उन विदेशी नागरिकों पर लागू होगी जो अमेरिका में क़ानून संरक्षित अभिव्यक्ति की सेंसरशिप के लिए ज़िम्मेदार हैं। विदेशी अधिकारियों का अमेरिका में मौजूद रहते हुए अमेरिकी टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म पर सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले अमेरिकी नागरिकों या अमेरिकी निवासियों की गिरफ़्तारी का वारंट जारी करना या इसकी धमकी देना अस्वीकार्य है।

इसी तरह विदेशी अधिकारियों का यह मांग करना भी अस्वीकार्य है कि अमेरिकी टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म उन वैश्विक कंटेंट मॉडरेशन नीतियों को अपनाएं या सेंसरशिप के काम करें जो उनके अधिकार क्षेत्र से परे हैं और जिनका असर अमेरिका तक पहुंचता है। हम अमेरिकी संप्रभुता के खिलाफ़ अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेंगे, खासकर जब ऐसे अतिक्रमण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे मौलिक अधिकार के इस्तेमाल को कमज़ोर करते हों।

यह वीज़ा प्रतिबंध नीति आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 212(ए)(3)(सी) के तहत घोषित की जा रही है, जो विदेश मंत्री को ऐसे किसी भी विदेशी के अमेरिका में प्रवेश को रोकने का अधिकार देती है, जिसके आने से “अमेरिका के लिए अत्यंत प्रतिकूल विदेश नीति परिणाम संभावित हों।” लक्षित लोगों के कतिपय परिजनों को भी इन प्रतिबंधों के दायरे में लाया जा सकता है।

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