ब्रिक्स नेताओं ने जारी किया ऐतिहासिक घोषणा पत्र

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ब्रिक्स नेताओं ने जारी किया ऐतिहासिक घोषणा पत्र
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रियो डि जेनेरो में आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं ने एक ऐतिहासिक घोषणापत्र जारी कर दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि वैश्विक दक्षिण अब एक अधिक समावेशी, सतत और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था के लिए एकजुट है।

शिखर सम्मेलन की थीम "वैश्विक दक्षिण सहयोग को अधिक समावेशी और सतत शासन हेतु मजबूत बनाना" है। जिसके तहत नेताओं ने पारस्परिक सम्मान, संप्रभु समानता, लोकतंत्र, समावेशिता और सहमति जैसे मूल सिद्धांतों को दोहराया। घोषणापत्र में तीन प्रमुख पहलों की घोषणा की गई- जिनमें जलवायु वित्त पर ब्रिक्स नेताओं की फ्रेमवर्क घोषणा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक शासन का संयुक्त वक्तव्य और सामाजिक रूप से निर्धारित बीमारियों के उन्मूलन के लिए साझेदारी शामिल है।

ब्रिक्स देशों ने संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक शासन प्रणालियों में तत्काल सुधार की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को समकालीन वास्तविकताओं के अनुरूप ढालना आवश्यक है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों से उभरते और विकासशील देशों की अधिक भागीदारी की जरूरत को रेखांकित किया।

घोषणा पत्र में अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ब्रिक्स देशों की व्यापक भूमिका की वकालत की गई जिनमें यूएन सुरक्षा परिषद जैसे निकायों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाया जाना भी शामिल है। साथ ही, नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र में वरिष्ठ पदों पर किसी एक देश या समूह का एकाधिकार नहीं होना चाहिए, और महिलाओं तथा विकासशील देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

घोषणापत्र में वैश्विक संघर्षों, सैन्य खर्चों में वृद्धि, और भू-राजनीतिक ध्रुवीकरण पर गहरी चिंता जताई गई। नेताओं ने कहा कि विकासशील देशों को सतत विकास के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है, और सैन्य बजटों में बढ़ोत्तरी उनके लिए बाधा बन रही है। उन्होंने सुरक्षा को जलवायु परिवर्तन एजेंडे से जोड़ने के प्रयासों पर भी चिंता जताई।

ब्रिक्स नेताओं ने पेरिस समझौते और UNFCCC के उद्देश्यों की प्राप्ति के प्रति पूर्ण समर्थन जताया। भारत की वर्ष 2028 में COP-33 की मेजबानी की उम्मीदवारी का स्वागत किया गया। ब्रिक्स ने दोहराया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में बहुपक्षीय प्रयास आवश्यक हैं और सभी देशों को समान लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों के आधार पर कार्य करना चाहिए। घोषणापत्र में 'स्ट्रेटेजी फॉर ब्रिक्स इकोनॉमिक पार्टनरशिप 2025 ' का स्वागत किया गया, जिसने क्षेत्रीय विकास, व्यापार, निवेश और सहयोग के लिए एक स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया।

इसमें विशेष रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था, ऊर्जा सुरक्षा, वित्तीय समावेशन और आपूर्ति शृंखला की स्थिरता पर बल दिया गया। समावेशी सामाजिक विकास की दिशा में संकल्प लिया गया। नेताओं ने महिलाओं, दिव्यांग जन , युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, प्रवासियों और शहरों में रहने वालों के अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया। मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं की रक्षा को समानता और पारस्परिक सम्मान के सिद्धांतों के तहत वैश्विक सहयोग की प्राथमिकता बताया गया।

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