अमेरिका का पाकिस्तान पर प्रहार,गैर नाटो देश के रूप में दर्जा ख़त्म करने की सिफ़ारिश

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अमेरिका का पाकिस्तान पर प्रहार,गैर नाटो देश के रूप में दर्जा ख़त्म करने की सिफ़ारिश


बचपन संवाददाता : प्रियांशु कुमार

जो देश मित्र बन कर पाकिस्तान से संपर्क रखते थे अब वह भी पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली पर उसे मदद करने में हिचक रहे हैं।आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सिर पर एक और मुसीबत आ गई है। हाल ही में अमेरिका के लोअर हाउस में पाकिस्तान के खिलाफ एक बिल पेश किया गया है जो उसे प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के ओहदे से हटाने की अपील करता है। इस दर्जे के तहत मिलने वाली सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी। ये स्टेटस अमेरिका उन देशों को देता है जो नाटो में शामिल नहीं हैं लेकिन अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं। इसके तहत हर साल इन देशों को फाइनेंशियल और मिलिट्री हेल्प दी जाती है।बिल में अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम को देखते हुए ही सर्टिफिकेट जारी करेंगेl

अमेरिका के राष्ट्रपति को हर साल गैर-नाटो सहयोगी के दर्जे को जारी रखने के लिए कुछ शर्तों के साथ पाकिस्तान को एक सर्टिफिकेट जारीकरने का ज़िक्र किया गया है।बिल को कांग्रेसी एंडी बिग्स ने अमेरिकी संसद में पेश किया।

मेजर नॉन नाटो सहयोगी का दर्जा मिलने से पाकिस्तान को कई ज्यादा फायदे होते हैं। उसे अमेरिका से सैन्य साजो-सामान, निर्माण के लिए लोन, रिसर्च, डेवलपमेंट और टेस्टिंग के लिए सप्लाई और उपकरण मिलते हैं। ये दर्जा छिनने से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान तो होंगे ही, साथ में शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ेगा।

अमेरिकी संसद में ऐसे बिल आम तौर पर काफी एतराज़ का सामना करते हैं जिसके वजह से वह पास नहीं हो पाते, लेकिन मौजूदा विधेयक यह दिखाता है कि अमेरिकी सांसद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर उससे बेहद नाराज़ है।यह बिल अमेरिकी राष्ट्रपति से एक सर्टिफिकेशन यह भी चाहता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ सक्रिय रूप से काम करता है या नहीं। पाकिस्तान को 2004 में ये दर्जा दिया गया था।

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