किसान आंदोलन के समर्थन में वाशिंगटन में फिर हुआ विरोध।

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किसान आंदोलन के समर्थन में वाशिंगटन में फिर हुआ विरोध।


दिल्ली में लगातार हो रहे हैं किसान आंदोलन का प्रभाव आंध्र प्रदेश में भी दिखने लगा है। कुछ दिनों पहले वॉशिंगटन में कुछ लोगों द्वारा महात्मा गांधी जी की प्रतिमा तोड़ी गई थी।

कुछ ऐसा ही मंजर मंगलवार को भी देखने को मिला।

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में शनिवार को भारतीय संसद द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान राष्ट्रपिता कहीं जाने वाले महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी खंडित कर दिया गया।

भारत की राजधानी दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन के प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए प्रदर्शनकारी वाशिंगटन पहुंचे, जहां पर पहुंचकर उन्होंने जमकर भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित 3 वर्ष व कानून का खंडन किया।

न्यूज़ एजेंसी एनआईए का हवाला देते हुए बताया गया कि वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी झंडे भी लहराए गए।

भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि खालिस्तानीओं के इस हरकत के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष विरोध भी दर्ज कराया गया। भारतीय दूतावास के एक बयान के अनुसार, 'महात्मा गांधी मेमोरियल प्लाजा में महात्मा गांधी की प्रतिमा को 12 दिसंबर 2020 को खालिस्तानी तत्वों द्वारा खंडित कर दिया गया था। भारतीय दूतावास ने इस हरकत के लिए लोगों की कड़ी निंदा की है।'

आपको बता दें कि इससे पहले इस महीने की शुरुआत में भारत के तीन कृषि कानून के खिलाफ लंदन में भी प्रदर्शन किया गया। और वहां पर भी खालिस्तानी झंडे दिखाई दिए।

यह पहली बार नहीं होगा जब आंदोलन में खालिस्तानी झंडे लहराए गए हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन के दौरान असामाजिक तत्व पाए गए थे। सरकार ने किसानों से अपील की थी कि वह अपने मंच का दुरुपयोग ना होने दें। क्योंकि कृषि आंदोलन की आड़ में कई लोग अपने मुद्दों को अंजाम दे रहे हैं, जो कि देश के लिए गलत है।

जिसके साथ ही साथ सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेश के कोने कोने में सरकार द्वारा प्रस्तावित इन कृषक कानून को रद्द करने का समर्थन किया जा रहा है।

नेहा शाह

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