UN शोध पोत को श्रीलंका सरकार ने दी जलक्षेत्र में प्रवेश की मंजूरी
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने संयुक्त राष्ट्र के ध्वज वाले अनुसंधान पोत डॉ. फ्रिड्टजॉफ नानसेन को श्रीलंका के जल क्षेत्र में...


श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने संयुक्त राष्ट्र के ध्वज वाले अनुसंधान पोत डॉ. फ्रिड्टजॉफ नानसेन को श्रीलंका के जल क्षेत्र में...
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने संयुक्त राष्ट्र के ध्वज वाले अनुसंधान पोत डॉ. फ्रिड्टजॉफ नानसेन को श्रीलंका के जल क्षेत्र में प्रवेश करने की विशेष अनुमति दी है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा कई बार अनुरोध के बाद यह फैसला लिया गया है।
इस पोत को 15 जुलाई से 20 अगस्त तक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित शोध करने है। हालांकि संगठन ने श्रीलंका के निर्णय लेने में देरी का हवाला देते हुए अभियान के योजना अनुसार आगे बढ़ने पर आशंका जताई है। उसने चेतावनी दी है कि मिशन को रद्द करने से श्रीलंका को दस लाख डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है और भविष्य के अभियान 2030 से आगे तक स्थगित हो सकते हैं।
विदेशी अनुसंधान जहाजों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार होने तक मिशन के लिए प्रारंभिक मंजूरी रोक दी गई थी। श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने इस साल जनवरी में नई एसओपी तैयार करने के लिए एक समिति का गठन करने का फैसला किया था। श्रीलंका ने विदेशी अनुसंधान जहाजों पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगाया था जो पिछले वर्ष दिसंबर में समाप्त हो गया था। ये प्रतिबंध श्रीलंका की पिछली सरकार ने डेटा के संग्रह और इसे साझा करने से संबंधित चिंताओं के कारण लगाया था।
इस बीच, राष्ट्रपति दिसानायके ने पिछले साल दिसम्बर में भारत दौरे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस साल अप्रैल में श्रीलंका यात्रा के दौरान कहा था कि वह श्रीलंका की सीमा का उपयोग भारत के हितों के खिलाफ नहीं होने देंगे।