इजराइल और फिलिस्तीन मुकाबले को दिल्ली का बताया जा रहा है
फेक news के ज़माने में हम लगातार इसके शिकार हो रहे है - दिल्ली दंगो में भी लोग लगातार यहाँ -वहा के विडियो और फोटो शेयर कर इसे दिल्ली का बता दे रहे है |...
फेक news के ज़माने में हम लगातार इसके शिकार हो रहे है - दिल्ली दंगो में भी लोग लगातार यहाँ -वहा के विडियो और फोटो शेयर कर इसे दिल्ली का बता दे रहे है |...
फेक news के ज़माने में हम लगातार इसके शिकार हो रहे है - दिल्ली दंगो में भी लोग लगातार यहाँ -वहा के विडियो और फोटो शेयर कर इसे दिल्ली का बता दे रहे है | अगर आपको लगता है की किसी फोटो को शेयर करना है तो सबसे पहले google की वेबसाइट पर जाकर www.google.com/images पर सर्च कर लीजिये आपको फोटो की असलियत पता चल जाएगा |
दंगा किसी भी देश और समुदाय के लिए ठीक नहीं है और अगर इसमें 20000 मुश्लिम शामिल हुए है तो हिन्दू भी थे और क़त्ल दोनों ओर के लोगो का हुआ है | हालाकि ये देखा गया है की शुरुआत तो एक समुदाय की तरफ से होती है पर जब ये भड़क जाता है तो फिर सब इसकी जद में आ जाते है |
अगर हम मान भी ले की २० हजार मुश्लिम की भीड़ ने उपद्रव की शुरुआत की तो उसमे लाखों ने लोगो की मदद भी की है | हमें उन शरारती तत्वों को निकलना होगा जो हमारे बीच आकर विवाद पैदा कर रहे है |
दिल्ली का दंगा लम्बे समय तक लोगो को डराता रहेगा | दोनों ही समुदाय के सामान्य लोगो ने जिन हालातों में अपनी जान किसी तरह बचायी है वो उन्हें दुस्वप्न की तरह हर रात डराता रहेगा | इन दंगो में अपनों को खोने वाले लोगो के मन में राज्य और राष्ट्र की छवि कैसी होगी इसकी कल्पना कोई भी कर सकता है |
लोगो के जख्मों पर मरहम लगाने का काम तो सरकार का है पर उसके निशान को मिटाने की जिम्मेदारी समाज की है | और अगर समाज अपने संस्कारो में फेल हो जाता है तो आने वाला समय हमें और भी कडवे निशान दे सकता है |