मध्य प्रदेश में पर्यावरण परिवर्तन से उपजी सामाजिक समस्याओं का निवारण करता एच डी ऍफ़ सी बैंक परिवर्तन योजना

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मध्य प्रदेश में पर्यावरण परिवर्तन से उपजी सामाजिक समस्याओं का निवारण करता एच डी ऍफ़ सी बैंक परिवर्तन योजना

मीना पाण्डेय :संपादक

meenabbau@gmail.com

सतना जिला बुंदेलखंड का हिस्सा है जिसपर रेवा

राजघराने का राज रहा है | ब्रिटिश काल में

ये करीब ग्यारह छोटे –छोटे राज्य थे जिनमे से मुख्य मैहर , नागोद , सोहावल व् कोठी

जासो रहे है | हालाकि मध्य प्रदेश एक समय बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था और आज

भी सिंगरौली , विदिशा सतना और कई जिले भारत में सबसे ज्यादा गरीबी झेल रहे है |

जबतक यहाँ पर रहें वाले लोगो का जीवन स्तर नहीं उपर उठाया जाता है तब तक भारत का

विकास नहीं हो सकता |

भारत के अग्रणी बैंको में से एक एच डी ऍफ़ सी बैंक

ने परिवर्तन नाम से एक पहल की है जिसमे भारत के विभिन्न राज्यों के उन जिलो और

गांवों में काम शुरू किया है जहा पर गरीबी और भुखमरी से लोग जूझ रहे है | इस

शुरुआत के तहत कई समाज सेवी संस्थाओ के सहयोग से पुरे भारत में इस तरह की परियोजना

चल रही है |

सतना में ग्रामीण विकास ट्रस्ट के माध्यम से तीन ब्लाको सोहावल , उचेहरा , नागोद के अंतर्गत पांच गांवों में सितपुरा, काइमा , बरेठिया , इटमाँ और करही में विभिन्न काम शुरू किये गए |

बरेठिया में चेक डैम कम पुलिया का निर्माण कराया

गया है जिससे इस गाँव के लोग काफी खुश है | बारिश में गाँव के लोगो का निकलना

मुश्किल हो जाता था पर आज एच डी ऍफ़ सी बैंक परिवर्तन के सहयोग से किया गया पुलिया

का निर्माण इस गाँव के ८५ परिवार के लोगो के लिए वरदान बन गया है-

सतना के

इन गावों में पानी की गंभीर समष्या थी और गर्मियों के मौसम में पानी का स्तर काफी

नीचे चला जाता था | यहाँ के किसान न तो सिर्फ पानी की कमी से खेतो में कोई फसल लगा

पाते थे न ही जानवरों को भी पीने का पानी नसीब होता था | एच डी ऍफ़ सी बैंक – परिवर्तन

के तहत इस इलाके में तीन स्टॉप डैम का निर्माण कराया गया जिससे इस इलाके में पानी के रोकने की क्षमता बढ़ गयी और तक़रीबन ७० हैक्टयेर खेती का इलाका सिंचित भूमि के तहत आ

गया |

गर्मी में पानी के लिए तरसते किसानो के लिए एच डी

ऍफ़ सी बैंक – परिवर्तन स्कीम के तहत इस योजना ने इन गावों के लोगो की जिन्दगी बदल

दी | आज न सिर्फ एक बड़े इलाके में खेती हो रही है बल्कि इन लोगो द्वारा नगदी फसल

में भी एच डी ऍफ़ सी बैंक से मिले मदद के

कारण न सिर्फ किसान अपनी कमाई बढ़ा पाया बल्कि इससे शहरो में होने वाले माइग्रेशन

को रोकने में भी मदद मिली |

ग्रामीण

अर्थ व्यवस्था में पशुओ का महत्वपूर्ण रोल रहा है | इसी को देखते हुए एच डी ऍफ़ सी

बैंक ने परिवर्तन के तहत गाँव वालो को

बकरी पालन, मुर्गी पालन का काम शुरू करने के लिए सहायता शुरू की है | आज इन गावों के सैकड़ो परिवार बकरी, मुर्गी पालन

से न सिर्फ अपना घर चला रहे है बल्कि अपने बच्चो को एक बेहतर भविष्य देने की दिशा

में भी एक कदम बढ़ा चुके है | इसमें एक बहुत

ही अभिनव प्रयोग औषधीय मुर्गा पालन का है जिसे कड़क नाथ के नाम से जाना जाता

है| ये झबुआ में पायी जाने वाली प्रजाति है पर इसकी अन्य राज्यों में इस मुर्गे के

मांस के औषधीय गुण होने के कारण काफी मांग है | ये बिल्कुल काले रंग का होता है

जिसमे बहुत ही प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, व् अन्य तत्व होते है | ये अन्य मुर्गो की

अपेक्षा काफी महंगा बिकता है जिससे किसान को काफी फायदा होता है |

तीनो

ब्लाक में तालाबो के गहरे करने से काफी

किसानो को रोजगार मिला है | एक किसान जिसने अपने लाखो रूपये सिर्फ इसी लिए गवां

दिये कि गर्मी में उसके सिंघाड़े जिस तालाब में लगे थे उसका पानी ही सुख गया | एच

डी ऍफ़ सी बैंक – ने परिवर्तन कार्यक्रम के

तहत न सिर्फ इन तालाबो की गहराई बढाई बल्कि किनारे की तरफ मिटटी को डाल कर पानी को

बहने से रोका | आज यहाँ के किसान न सिर्फ

खुश है बल्कि इसी तालाब में सिंघाड़े की खेती कर वो अपने बच्चो का पालन –पोषण कर

रहा है |

आज तालाबो के गहरीकरण से किसान खुश है और वो

तालाबो में पानी के बारहों महीने रहने से काफी खेती के काम कर ले रहे है जिससे

उनके जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ है |

एच डी ऍफ़ सी बैंक – परिवर्तन योजना के तहत पांच गांवों के महिलाओ के सबलीकरण के लिए स्वयं सहायता समूह बनाया है| जिसके अंतर्गत महिला आपस में लेनदेन करती है और उनको शासन की अन्य योजना जैसे मनरेगा और ग्रामीण आजीवका मिशन के बारे में बताया गया है | इस योजना से इनको भविष्य में रोजगार की असीम सम्भावनाये होंगी|

गावों की अर्थ व्यवस्था में महिला कामगारों की अहम भूमिका होती है | अगर इनको सशक्त कर दिया जाये तो भारत के गावों की हालत बदल जाएगी | एच डी ऍफ़ सी बैंक ने ग्रामीण विकास ट्रस्ट की मदद से सतना के इन गावों में न सिर्फ महिला सशक्तिकरण में योगदान दिया है बल्कि सैकड़ो परिवारों को गाँव में ही रोजगार मुहैया करा कर गावो से शहरो को होने वाले विस्थापन में भी कमी लायी है | देश तभी तरक्की करेगा जब गावं और गरीब तरक्की करेगा और इस दिशा में की जा रही सार्थक पहल इन गावों में दिखायी पड़ रही है |

इन गावों

में ग्रामीण विकास ट्रस्ट ने ३० सोलर

स्ट्रीट लाइट लगवाई है जिससे गावं में आने जाने के राश्ते पर अँधेरा नहीं है और ८०

सोलर होम लाइट से न सिर्फ उनके घर जगमगा रहे है बल्कि इन घरो में पीने के साफ़ पानी

की व्यवस्था कर के न सिर्फ गाव के लोगो को रोगमुक्त किया है बल्कि उनकी उड़ानों को

पंख भी दे दिया है | पहले पानी में टी डी एस की मात्रा बहुत ज्याद थी जिसे बैंक ने

आर ओ सिस्टम लगाकर ठीक किया है और आज सैकड़ो परिवार रोग मुक्त हो गए है |

गावों में शाम होते ही लोग अपने काम काज रोक देते

थे क्योंकि वहा प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं थी | पर आज इन सोलर लाइट से न सिर्फ

इन गावों के सैकड़ो घर जगमगा रहे है बल्कि उनके बच्चे अब शाम को भी अपनी पढाई –लिखाई

पर ध्यान दे पा रहे है |

इस गावं

की एक महिला रौशनी तिवारी ने बताया कि कैसे पहले गन्दा पानी पीने से लोगो को बहुत

दस्त होती थी , गैस बहुत होती थी और लोगो के घुटने में बहुत दर्द रहा करता था |

उन्होंने बताया की पहले करीब तीन किलोमीटर तक जाने के बाद पीने का पानी मिलता था

पर अब एच डी ऍफ़ सी बैंक के सहयोग से जो आर ओ प्लांट लगाया गया है उससे गावं के

लोगो को न सिर्फ पानी साफ़ मिल रहा है बल्कि पहले हर दुसरे दिन लोग बीमार होते थे

पर अब ऐसा नहीं है |

उन्होंने बताया कि अगर कोई घर में बीमार पड़ जाता

था तो उसे पांच किलोमीटर दूर डॉक्टर के क्लिनिक पर ले जाना पड़ता था पर अब एच डी ऍफ़

सी बैंक के इस पानी के प्लांट के कारण सारी परेशानी का अंत हो गया है |

एच ही

ऍफ़ सी बैंक की सी एस आर हेड नुसरत पठान ने बताया कि हम पुरे देश में अपने सी एस आर

डिविसन के द्वारा लाखो लोगो की जिंदगी में परिवर्तन ला रहे है | हम सतना के पांच

गावो में न सिर्फ पानी की समश्या का निदान कर रहे है बल्कि लाखो लोगो को पीने का

साफ़ पानी भी मुहैया कराने की दिशा में भी प्रयास कर रहे है |

उन्होंने

बताया की सतना के पांच गावो में पांच चेक डैम और पुलिया का निर्माण कराया गया है

जिससे गाँव में लोगो के आने जाने में जो परेशानी हो रही थी उसे दूर किया

गया है | इसके अलावा करीब २२ किसानो के साथ मिलकर

उन्हें नगदी फसल में मदद की गयी है जिससे वहा के किसानो को काफी फायदा पंहुचा है |

पंद्रह परिवारों को बकरी पालन के लिए सहायता दी गयी है और आज ये अपने परिवार का

जीवन यापन करने में सक्षम है | इसके अलावा कड़क नाथ मुर्गे की एक प्रजाति जो झबुआ

में पायी जाती है वो भी हितग्राही को दिया गया है जिसके तहत करीब तीन सौ मुर्गे

दिये गए | ये ३०० से ४०० रूपये किलो बिकते है और इनको औषधीय मुर्गा भी कहा जाता है

|

आज एच डी ऍफ़ सी

बैंक – परिवर्तन – एक नयी

पहल ने इन तीन ब्लाक के पांच गाँव में परिवर्तन की एक नयी बयार बहा दी है जिसकी मद्धिम रौशनी में पांचो गावो में सपने

फिर से लोगो की आँखों में आने लगे है | नए भारत के निर्माण में एच डी ऍफ़ सी बैंक –

परिवर्तन पहल को हम सलाम करते है |

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