मानव वर्तमान के चकाचौंध को देखकर अपनी अनमोल और सुंदर प्रकृति को भूल चुका है

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मानव वर्तमान के चकाचौंध को देखकर अपनी अनमोल और सुंदर प्रकृति को भूल चुका है
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बृहस्पतिवार को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के जनसंचार एंव पत्रकारिता विभाग में "मनुष्य प्रकृति का सहभागी या स्वामी" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन विभाग के छात्र अनिसुर रहमान द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम में विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गोविन्द जी पांडेय, पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता, फिजियोथैरेपिस्ट डॉ.अर्पण उपाध्याय, डॉ स्कंद शुक्ला और वही मुख्य अतिथि के तौर पर अनमोल चंद्रा उपस्थित रहे। वही कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो.गोविंद जी पांडेय द्वारा कहा कि अनुभव हमें सिखाता है कि कैसे प्रकृति के साथ रहना चाहिए।

मुख्य अतिथि अनमोल चंद्रा ने कहा कि मानव वर्तमान के चकाचौंध को देखकर अपनी अनमोल और सुंदर प्रकृति को भूल चुका है और आराम की जिंदगी जीना चाहता है। पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता ने प्रकृति को सिद्धांत से जोड़ते हुए उसका महत्व समझाते हुए बताया कि हमें अपने अस्तित्व को समझना है तो पहले पर्यावरण को समझना होगा।

डॉ स्कंद शुक्ला द्वारा कहा गया कि विज्ञान के हिसाब से मनुष्य अपने आपको ढाल रहा है और अपनी प्रकृति को भूल रहा है और साथ ही डॉ.अर्पण उपाध्याय ने अपनी असल जिंदगी को जोड़ते हुए सेंस ऑर्गन के बारे में जानकारी दी। वही इस दौरान पत्रकारिता विभाग के छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस संगोष्ठी में पत्रकारिता विभाग के सभी छात्र-छात्राएं एवं प्रोफेसर्स उपस्थित रहें। पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम के समापन के दौर में सभी मुख्य अतिथियों को पौधे भेंट किए ।

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