मध्ययम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल(एमआरएसएएम) के पहला परीक्षण हुआ संभव

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मध्ययम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल(एमआरएसएएम) के पहला  परीक्षण हुआ संभव

भारतीय नौसेना ने मध्‍यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल(एमआरएसएएम) के पहले फायरिंग अभ्‍यास के साथ ही वायु युद्ध प्रतिरोध क्षमता में महत्‍वपूर्ण सफलता हासिल की है।

भारतीय नौसेना के जहाज कोच्चि और चेन्‍नई ने पश्चिमी समुद्र तट पर यह अभ्‍यास किया। अभ्‍यास के तहत विस्‍तारित दूरी वाले विभिन्‍न हवाई टारगेट को अवरोधित(इंटरसेप्‍ट) करने के लिए दोनों जहाजों की मिसाइलों को एक जहाज के द्वारा नियंत्रित किया गया।

फायरिंग का यह अभ्‍यास भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और इस्रायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज के द्वारा किया गया।

अभ्‍यास का सफलतापूर्वक संचालन, सभी हितधारकों द्वारा कई वर्षों से किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है। इस्रायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज के सहयोग से डीआरडीएल हैदराबाद और डीआरडीओ ने संयुक्‍त रूप से इस मिसाइल को विकसित किया है। भारत डायनामिक्‍स लिमिटेड ने एमआरएसएएम का निर्माण किया है।

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