प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में स्टोरी टेलर ग्रुप से बात की, लोगो से साझा किया किस्सा गोई का महत्त्व

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प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में स्टोरी टेलर ग्रुप से बात की, लोगो से साझा किया किस्सा गोई का महत्त्व

प्रधानमंत्री ने किस्सा-गोई के महत्व की पुष्टि की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के नवीनतम संस्करण में किस्सा-गोई के महत्व पर चर्चा की और उसकी पुष्टि की। प्रधान मंत्री ने बंगलुरु के किस्सा गोई क्लब के सदस्यों से बात की और उनसे कहानी भी सुनी - क्लब की सदस्य अपर्णा अत्रे और शैलजा संपत सहित कई महिलाओ ने बताया की किस तरह वो किस्सा गोई से जुडी और इसे अब अपने जीवन का अंग बना लिया -

प्रधानमंत्री ने देश में कहानी कहने या कहें कि किस्सा-गोई की समृद्ध परंपरा पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने हितोपदेश और पंचतंत्र की परंपरा का पोषण किया है जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गई ताकि विवेक और बुद्धिमत्ता की बातों को आसानी से समझाया जा सके। उन्होंने धार्मिक कहानियां कहने की एक प्राचीन पद्धति 'कथा' का उल्लेख किया, तमिलनाडु और केरल में 'विल्लू पाट' का उदाहरण दिया जो कहानी और संगीत का एक आकर्षक सामंजस्य है और कठपुतली की जीवंत परम्परा की भी चर्चा की। उन्होंने विज्ञान और विज्ञान कथाओं पर आधारित किस्सा-गोई की बढ़ती लोकप्रियता को भी नोट किया।

प्रधानमंत्री ने कहानीकारों से ऐसा तरीका खोजने का आग्रह किया जो देश की नई पीढ़ी को कहानियों के माध्यम से महापुरुषों और महान नारियों के साथ जोड़ सकें। उन्होंने कहा कि कहानी कहने की कला को अवश्य ही प्रत्येक घर में लोकप्रिय बनाया जाना चाहिए और बच्चों को अच्छी कहानियां सुनाना सार्वजनिक जीवन का एक हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि प्रत्येक सप्ताह, परिवार के सदस्यों को करुणा, संवेदनशीलता, वीरता, बलिदान, बहादुरी, आदि जैसी विषय वस्तुओं का चयन करना चाहिए और प्रत्येक सदस्य को उस विषय पर एक कहानी सुनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश शीघ्र ही स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मनाने जा रहा है और कहानी सुनाने वालों से आग्रह किया कि वे अपनी कहानियों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायी कहानियों को प्रसारित करें। प्रधानमंत्री ने उनसे इन कहानियों के माध्यम से नई पीढ़ी को 1857 से लेकर 1947 तक की प्रत्येक बड़ी और छोटी घटनाओं को प्रस्तुत करने को कहा।

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