आखिर जिंदगी की जंग हार गया मासूम प्रहलाद, नम हुईं सबकी आंखें.......

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आखिर जिंदगी की जंग हार गया मासूम प्रहलाद, नम हुईं सबकी आंखें.......


मध्य प्रदेश के निवाड़ी में करीब सौ घंटे बाद बोरवेल में गिरे बच्चे प्रहलाद को शनिवार देर रात निकाला गया, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गया। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रहलाद को बोरवेल से जिंदा नहीं बचाया जा सका। मासूम प्रहलाद को जब बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत अस्पाताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। डॉक्टर ने बताया कि प्रहलाद की पहले ही मौत हो चुकी थी। उसे मृत अवस्था में ही अस्पताल लेकर आया गया था। उसकी मौत दम घुटने से बताई जा रही है इसके अलावा पानी के कारण भी उसकी बॉडी पर असर पड़ा है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि आखिर रात की मौत के और क्या कारण रहे हैं।

हालांकि मासूम को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर सेना और एनडीआरएफ ने 90 घंटों तक मैराथन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। बच्चे का शव बाहर निकाले जाने के दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं, यहां तक कि उसे बचाने की कोशिश में जुटे फौलादी इरादों वाले जवानों की आंखें भी गीली हो गई थीं। निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर गांव में बुधवार सुबह करीब 9 बजे अपने ही खेत पर बने बोरवेल के खुले होल से मासूम प्रह्लाद अंदर गिर गया था। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया था। लेकिन जब उनसे बात नहीं बनी तो फिर सेना से संपर्क किया गया और दोपहर होते-होते सेना ने बचाव का काम अपने हाथों में ले लिया। पिता ने बताया कि हम लोग केसिंग डलवाने के पाइप ला रहे थे। इसी दौरान बालक खेलते खेलते बोर के पास चला गया और अचानक वह बोर में जा गिरा।

अराधना मौर्या

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