किसान आंदोलन से सरकार को झटका, नागरिकता संशोधन कानून लागू करने में आ सकती है रुकावट।
नागरिकता संशोधन कानून जो कि सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जनवरी में लागू होने वाला था उसमें देरी भी हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक किसान...
नागरिकता संशोधन कानून जो कि सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जनवरी में लागू होने वाला था उसमें देरी भी हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक किसान...
नागरिकता संशोधन कानून जो कि सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जनवरी में लागू होने वाला था उसमें देरी भी हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक किसान आंदोलन को देखते हुए नागरिक संशोधन कानून को देर में लागू किया जाएगा
नागरिकता संशोधन कानून जिसको लेकर देश की राजधानी दिल्ली व अन्य कई राज्यों में जबरदस्त प्रदर्शन महीनों तक देखे गए। ऐसा माना जा रहा था कि वही माहौल फिर से बन सकता है क्योंकि सरकार नागरिकता कानून के नियमों को बना रही है जिसका संकेत हमें नए साल यानी जनवरी तक मिल रहे थे।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार बहुचर्चित नागरिकता कानून के नियम तैयार कर रही है। गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है। पिछले साल सरकार ने दोनों सदनों में नागरिकता कानून को पास करवा दिया था जिसके अगले ही दिन यानी 12 दिसंबर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करवा कर इस कानून को लागू कर दिया गया।
हालांकि अभी तक नागरिकता कानून के सभी नियम ना बनने के कारण यह अप्रभावी सा प्रतीत हो रहा है। परंतु आने वाले नए साल तक यह नियम बन जाएंगे जिससे देश में नागरिकता कानून लागू कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इस खबर के आने के बाद पूर्वोत्तर में फिर विरोध की आवाजें उठने लगी हैं। जो सरकार की चिंता का कारण बन सकती हैं।
अगले साल यानी 2021 में बंगाल और असम विधानसभा चुनाव हैं। नागरिकता कानून के जरिए इन दोनों राज्यों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का मुद्दा अहम रहा है। क्योंकि इन दोनों राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल और असम विधानसभा चुनाव से पहले नागरिकता कानून को लागू कर दिया जाएगा।
असम में नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर कानून को लेकर फिर से माहौल गरमाने लगा है। दरअसल आसाम में पिछले वर्ष राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मे नागरिकों की सूची प्रकाशित की गई थी। 19 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया था, आपको बता दें कि यह वे लोग थे जो अभी नागरिकता साबित नहीं कर पाए थे।
जिसको लेकर आज शाम को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे। क्योंकि असम एक ऐसा राज्य है जहां पर हमेशा बाढ़ की समस्या होती रहती है ,और बारिश के मौसम में ना जाने कितने लोगों के घर उजड़ जाते हैं जिससे उनकी सारी जमा पूंजी भी पानी में धूल जाती है। लोगों का मानना है कि यदि उनके पास उचित दस्तावेज नहीं होंगे तो उन्हें इस देश से निकाल दिया जाएगा। जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार का कहना है कि उन्होंने इस चिंता के लिए भी उचित व्यवस्था की है।
अब देखना यह होगा कि जनवरी में सरकार द्वारा नागरिकता कानून लागू किया जाएगा तो किन किन शर्तों के आधार पर लोगों को इस देश का नागरिक माना जाएगा और किसी भी प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त लोगों के लिए किस तरह की व्यवस्था की जाएगी।
परंतु किसान आंदोलन को देखते हुए अब नागरिक संशोधन कानून को लागू करने में सरकार और विलंब लगा सकती है।
नेहा शाह