आज की रात कुछ ख़ास की तैयारी , गाजीपुर बॉर्डर होगा खाली
किसान नेताओ की नापाक हरकत ने आज किसान आन्दोलन को ख़त्म करने की और मोड़ दिया है | साठ दिन से धरने पर बैठने के बाद जब छब्बीस जनवरी पर तोड़ फोड़ हुई है तो...
किसान नेताओ की नापाक हरकत ने आज किसान आन्दोलन को ख़त्म करने की और मोड़ दिया है | साठ दिन से धरने पर बैठने के बाद जब छब्बीस जनवरी पर तोड़ फोड़ हुई है तो...
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- राकेश टिकैत
- गाजीपुर बॉर्डर
किसान नेताओ की नापाक हरकत ने आज किसान आन्दोलन को ख़त्म करने की और मोड़ दिया है | साठ दिन से धरने पर बैठने के बाद जब छब्बीस जनवरी पर तोड़ फोड़ हुई है तो किसानो का सर शर्म से झुक गया और जनता में इनके प्रति रोष बढ़ता चला जा रहा है |
सरकार को अब मौका मिल गया है और आम जनता में किसान नेताओ के प्रति बढ़ते रोष का फायदा सरकार ले सकती है | राकेश टिकैत जैसे नेताओ के कारण आज आम लोग मेरा बॉर्डर खाली करो के नारे लगाने लगे है |
सिन्धु बॉर्डर , टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर रहने वाले लोग अब खुलकर इनके खिलाफ आ चुके है | लोग कह रहे है कि ये किसान नहीं हो सकते क्योंकि किसानो के बेटे -बेटी ही सेना और पुलिस में भर्ती होते है पर ये जिस तरह से पुलिस को मार रहे थे इनको किसान नहीं कहा जा सकता |
किसान जवानों को इस बेदर्दी से नहीं मार सकता ये किसान नहीं उसके वेश में आतंकवादी है और सरकार को इनके खिलाफ कड़ी कारवाई करनी चाहिए |
आज आम लोगो के मन में इनके प्रति गुस्सा है और अब किसानो के सामने आम लोग है और पुलिस आम लोगो के साथ | कोई भी आन्दोलन बिना आम आदमी के सपोर्ट के नहीं चल सकता और हर आम आदमी अपने जीवन में हर प्रकार की कमी को झेलते हुए सिर्फ अपने देश की आन , बान और शान के लिए जीता और मरता है |
जिस तरह से तिरंगे का अपमान किया गया उससे भारत के आम आदमी का गुस्सा अब इनके खिलाफ चरम पर है | उनके नेताओ के सिर्फ हठधर्मिता के कारण इस आन्दोलन को बहुत नुक्सान हुआ और आगे आने वाले समय में किसी भी तरह के किसान आन्दोलन को करने में काफी दिक्कत आएगी |
राकेश टिकैत बार बार किसानो से गोली चलने और लड़ने मरने की बात कर रहे है और उन्हें उकसा रहे है | एक तरफ वो सरकार से कह रहे है की वो झंडा लगाने वाले को पुलिस ने गोली क्यों नही मारी दूसरी और अपनी गिरफ्तारी पर कह रहे है की वो फांसी लगा लेंगे और जनता को क्या करना है ये उनको पता है |
इस तरह के उकसावे के बाद अगर स्थिति बिगडती है तो इसके लिए ये किसान नेता ही जिम्मेदार होंगे |