वाशिंगटन पोस्ट में कपिल कोमिरेड्डी का रुदाली अवतार

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वाशिंगटन पोस्ट में कपिल कोमिरेड्डी का रुदाली अवतार
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भारत के लोकतंत्र को लेकर तरह -तरह के सन्देश देशी और विदेशी तथाकथित विद्वान देते रहते है | इसी क्रम में एक और नाम है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता के कारण भारत में लोकतंत्र को अधिनायकवाद की ओर बढ़ते देख रहे है |

विश्व की परेशानी क्या है -

विश्व में खासकर अमेरिका में एक धड़ा है जो हमेशा से प्रधानमंत्री मोदी का विरोधी रहा है | गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए जो दंगे हुए उसमे बिना सबूत उनको दोषी मान वो न सिर्फ अमेरिका में उनके जाने और आने पर प्रतिबन्ध लगवा खुश थे बल्कि वो किसी भी कीमत पर मोदी को सत्ता से हटाना चाहते थे |

कपिल कोमिरेड्डी के लेख की शुरुआत अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम रखने को लेकर हुई | वो लिखते है की अपने आप को इतिहास में बड़ा बताने के लिए किसी बड़े नाम को हटा कर अपना नाम रख लिया और ये उसी तरह है की अगर डोनाल्ड ट्रम्प अब्राहम लिंकन का नाम बदल कर अपना नाम लिख दे | पर इन्होने पिछले सत्तर साल में कांग्रेस और अन्य पार्टी के लोगो द्वारा अपने नेताओ के नाम पर बने हजारो संस्थान और केंद्र की कोई चर्चा नही की | बस एक लाइन में लिख दिया की नेहरु -गाँधी परिवार के नाम पर भी भारत में सैकड़ो संस्थान है |

इनकी कलम यही नही रूकती है ये अब नाथूराम गोडसे , सावरकर और संघ के संस्थापक एम् जी गोलवलकर को एक श्रेणी में रखकर लिखते है कि कुख्यात (infamous) | इससे इनकी दूषित मानसिकता और भारत को बदनाम करने की साजिश का खुलाशा होता है | सावरकर और गोलवलकर को वो नाथूराम के साथ खड़ा कर उन्हें गाँधी जी की हत्या में शामिल बताना चाहते है जो इतिहास में साबित नही हो पाया है |

अब इनकी चिंता भारतीय जनता पार्टी को लेकर लेख में दिखाई देती है | वो कहते है की कभी लोकतान्त्रिक तरीके से चलने वाली पार्टी जिसमे मोदी जैसे लोगो का उदय हुआ अब अधिनायक वाद की ओर बढ़ गयी है | उनका कहना है की जिसने भी मोदी का विरोध किया उसे बड़ी ही क्रूरता के साथ पार्टी से और समाज से बहिस्कृत कर दिया गया |

वो कहते है की पार्टी के बड़े नेता जैसे शिवराज सिंह चौहान ने ये तक कह दिया की मोदी भारत को भगवान का दिया हुआ तोहफा है तो किसी ने बताया की नास्त्रदेमस की भविष्यवाणी में जो नेता है वो मोदी ही है और वो भारत पर २०१४ से २०२६ तक राज करेंगे और एक विश्व नेता के रूप में स्थापित हो जाएंगे |

अमेरिकी मीडिया की समस्या -

अमेरिका की मीडिया हालांकि स्वतंत्र है पर उसके अंदर अपने समाज और राष्ट्र को लेकर जो दम्भ है उसका प्रदर्शन उनके लेख में होता है | चाहे वो बुश हो या ओबामा या फिर अभी ट्रम्प के बाद बिडेन ये सभी अपने आप को विश्व नेता मानते है और उनका मीडिया इसे प्रचारित करता है | पुरे विश्व में एक भी ऐसा नेता नहीं है जो इनके विश्व लीडरशिप के लिए खतरा हो |

पर एकाएक भारत के प्रधानमंत्री पर निशाना क्यों साधने लगे | उसका कारण है की विश्व में चीन के नेता को नीचे गिराया जा चूका है और उनकी वैश्विक छवि और विश्व के बड़े नेता के रूप में उनका पतन भारत के साथ युद्ध जैसी स्थिति के कारन हो गया है | सी जिनफिंग का गिरता कद अमेरिका के बढ़ते वैश्विक वर्चस्व को ही बताता है | अब उनके दूसरे प्रतियोगी पुतिन को भी अमेरिका की मीडिया और नेता निशाने पर ले कर उनका कद घटाने के लिए काम कर रहे है |

इस कदम में अमेरिका की मीडिया और सत्ता दोनों साथ है और वो विश्व में किसी भी नेता को अपने नेता से बड़ा नहीं होने देना चाहते - यही काम अब वो भारत के नेता नरेंद्र मोदी के लिए कर रहे है क्योंकि उनके नेता जो बिडेन को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है और उसमे नरेंद्र मोदी सबसे बड़ा नाम है |

इस काम में भारत के तथाकथित बुद्धजीवी जो उनके द्वारा दिए गए पैसो पर काम करते है और हमारे देश और संस्थाओ को बदनाम करने का काम कर रहे है , उनका साथ देते है | उनको दिल्ली में केजरीवाल , पंजाब में अमरिंदर , केरल में विजयन, राजस्थान में गहलोत , पश्चिम बंगाल में ममता , और अन्य दिखाई नहीं देते | जब जीतो तो लोकतंत्र सही हो जाता है और हार जाओ तो इवीएम और नरेंद्र मोदी का हिन्दू साम्राज्य याद आने लगता है |

अपने अंदर झाकने की जगह दुसरो को सीख देने की अमेरिका की चाल के मोहरे है ऐसे लेखक और उनके जैसे लोग |



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