जर्नल द लेंसेट पत्रिका के संपादकीय में देश की स्थिति को देखते हुए मोदी सरकार को ठहराया गया जिम्मेदार.....

  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
जर्नल द लेंसेट पत्रिका के संपादकीय में देश की स्थिति को देखते हुए मोदी सरकार को ठहराया गया जिम्मेदार.....



देश की नाजुक स्थिति को देखते हुए पत्रिका जर्नल द लेंसेट ने अपने संपादकीय में कोरोना महामारी के संकट के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने पत्रिका में लिखते हुए कहा कि सरकार ने न केवल सुपर स्पीड से धार्मिक बल्कि राजनीतिक आयोजन को भी अनुमति दी और सरकार की लापरवाही के कारण वैक्सीनेशन की गति भी धीमी हो चुकी है।

आपको बता दें कि उन्होंने अपनी पत्रिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका काम माफी के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले साल देश में कोरोना महामारी पर सफल नियंत्रण हासिल किया था मगर दूसरी लहर से निपटने में गलतियां की गईं और प्रधानमंत्री को इन गलतियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि देश की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आयोजन पर रोक लगानी चाहिए बजाय इसके कि वह रोज रैलियों में भाग ले। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में देश के लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था, इसी के साथ प्रदेशों में बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां एक दिन में तीन तीन की गई तथा कोविड-19 के नियमों की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही थी। आपको बता दें कि पत्रिका में लिखते हुए बताया गया कि देश में अगस्त तक 10 लाख से अधिक मौतों को दर्ज किया जाएगा। जिसके जिम्मेदार सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे क्योंकि जब उन्हें देश में लोगों को बाहर ना निकलने की अपील करनी चाहिए थी तब वह लाखों की संख्या में रैली कर रहे थे।

इतना ही नहीं लेंसेट पत्रिका में कहा गया कि मोदी सरकार महामारी पर नियंत्रण लगाने के बजाय अपनी आलोचनाओं पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है। पत्रिका में बताया गया कि ट्विटर पर हो रही आलोचनाओं और खुली बहस पर लगाम लगाने पर सरकार ने पूरा ध्यान दिया है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में गति धीमी होने के जिम्मेदार सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, और देश की नाजुक स्थिति के लिए उनको जिम्मेदारी लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने राज्यों से बिना समन्वय स्थापित किए आदेश देना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से आज भी कई राज्यों में वैक्सीन की कमी पाई जा रही है।

नेहा शाह

Next Story
Share it