यूथ बार एसोसिएशन के वकीलों की सुप्रीम कोर्ट में असहाय लोगों के लिए डोर टू डोर वैक्सीनेशन प्रक्रिया कराने की अपील....
भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ अब टीकाकरण की प्रक्रिया को भी जोर से शुरू कर दिया गया है जिसमें तीसरे चरण के टीकाकरण के दौरान अब तक करीब उत्तर प्रदेश...


भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ अब टीकाकरण की प्रक्रिया को भी जोर से शुरू कर दिया गया है जिसमें तीसरे चरण के टीकाकरण के दौरान अब तक करीब उत्तर प्रदेश...
भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ अब टीकाकरण की प्रक्रिया को भी जोर से शुरू कर दिया गया है जिसमें तीसरे चरण के टीकाकरण के दौरान अब तक करीब उत्तर प्रदेश में 2 लाख लोगों को वैक्सीनेशन किया जा चुका है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अभी तक आंकड़े पेश नहीं किए गए हैं। यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हुए कहा कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों के डोर टू डोर कोरोना वैक्सीन एक्शन के लिए उचित कदम उठाने के संबंध में कोर्ट द्वारा निर्देश जारी किए जाएं।
उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, अपाहिज एवं कमजोर वर्ग को आसानी से टीकाकरण किया जा सके क्योंकि वह किसी भी प्रकार का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने में असमर्थ हैं। आपको बता दें कि 5 मई तक कुल 2 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों में युवा एवं जागरूक वकीलों का एक समूह जिसमें समप्रीत सिंह, अजमानी समेत कुलदीप राय और मंजू जेटली भी मौजूद रही। युवा वकीलों के समूह ने डोर टू डोर वैक्सीनेशन लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज याचिका दायर की।
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता वाईबीएआई ने एस ओ पी के निर्देश का प्रारूप जारी करने की मांग की ताकि असमर्थ लोग मुफ्त में डोर टू डोर टीकाकरण करवा सकें। इसी के साथ उनकी क्षेत्रीय भाषा में उनके सभी संदेशों को दूर करने की अपील भी याचिका में की गई।
याचिका में कहा गया कि भारत सरकार के टीकाकरण केंद्रों में टीकाकरण पहले की तरह ही जारी रहेगा और योग्य लोग रजिस्ट्रेशन के बाद वैक्सीन लगवा सकेंगे। जिनमें हेल्थ केयर वर्कर्स एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 45 साल से ऊपर के सभी लोग शामिल होंगे परंतु समाज के उन वर्गों का भी ध्यान दिया जाए जो किसी प्रकार का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकते तथा शारीरिक रूप से समृद्ध ना होने के कारण वैक्सीनेशन के लिए अस्पतालों में नहीं जा सकते।
नेहा शाह