सत्यजीत रे के पोस्टर भी एक कहानी प्रस्तुत करते है : डॉ. मानस गोस्वामी

  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
सत्यजीत रे के पोस्टर भी एक कहानी प्रस्तुत करते है : डॉ. मानस गोस्वामी

सत्यजीत रे न सिर्फ एक महान फिल्म मेकर थे बल्कि उनके फिल्मों के पोस्टर भी एक कहानी की तरह ही है , उक्त बातें डॉ. मानस गोस्वामी , ने आज बचपन एक्सप्रेस अख़बार और पोर्टल द्वारा आयोजित सेमिनार में अतिथि वक्ता के रूप में कही | डॉ मानस ने न सिर्फ सत्यजीत रे के फिल्म मेकर के किरदार का बखूबी चित्रण किया बल्कि उनकी फिल्मों के पोस्टर को बारीकी से बताया | उन्होंने बताया की किस तरह हर पोस्टर कुछ कहता है और उसमे फिल्म से सम्बंधित बाते रेखांकित होती है | अगर आप दूर से देख्नेगे तो ज्यादा नहीं समझ पाएंगे पर अगर आप ध्यान पूर्वक उसका विश्लेषण करेंगे तो संचार के कई आयाम आपको उसमे मिल जाएंगे | उन्होंने बताया की किस तरह रे ने पाथेर पांचाली की रचना की और कैसे बिना किसी पूर्व अनुभव के उन्होंने एक महान फिल्म बना दी |

उन्होंने बताया की फिल्म जगत के कुछ लोग उनकी इस बात के लिए आलोचना करते है की उन्होंने भारत की गरीबी को बेचा पर वो लोग खुद नहीं देखते की वो क्या कर रहे है | रे की फिल्मे गरीबी से ज्यादा मानव मन और उसको मूल्यों के सरंक्षण की फिल्मे है |

इस ऑनलाइन वेबिनार के दूसरे भाग में फिल्म और टेलीविज़न संस्थान के पूर्व छात्र और बॉलीवुड के जाने माने कैमरामैन और लाइटिंग एक्सपर्ट राजेश शाह ने फिल्म निर्माण की तकनीक को लोगो से साझा किया - उन्होंने बताया की कैसे फिल्म एक विचार से शुरू होता है जो एक लाइन में आ जाता है - उसी एक लाइन के विचार को बड़ा करते करते पूरी फिल्म बन जाती है | फिल्म में प्लाट , कनफ्लिक्ट , की क्या भूमिका है इस पर भी उन्होंने गंभीर चर्चा की |

राजेश ने फिल्मों का उदहारण देते हुए पार्टिसिपेंट्स को बताया की कैसे कहानी को फिल्म विज़ुअली कहती है | वो बताते है की फिल्मे लिखी नहीं जाती सोची जाती है जो शॉट बाई शॉट आगे बढ़ता है और पूरी फिल्म बन जाती है |

शुरुआत में बचपन एक्सप्रेस के सम्पादकीय सलाहकार और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग , आंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गोविन्द जी पांडेय सेमिनार की रुपरेखा रखते हुए बताते है की किस तरह बचपन एजुकेशन भारत में सस्ती और मुफ्त शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है | इसमें देश के जाने माने शिक्षाविद और कलाकार अपनी सेवा मुफ्त दे रहे है - फिल्म के विकास के लिए बचपन एजुकेशन लगातार प्रयास करता रहेगा |

अगर आप भी इस सेमिनार से जुड़ना चाहते है तो गूगल प्ले स्टोर में जाकर बचपन एक्सप्रेस का एप डाउनलोड कर इसे देख और सुन सकते है |

Next Story
Share it