मानसून सत्र के दौरान किसान आंदोलन में आया भीषण उबाल जंतर मंतर पर करेंगे प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 3 नए कृषि कानून के खिलाफ आज करीब महीनों बीत चुके हैं पर किसानों का आंदोलन देश की राजधानी दिल्ली के पास में अभी भी...
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 3 नए कृषि कानून के खिलाफ आज करीब महीनों बीत चुके हैं पर किसानों का आंदोलन देश की राजधानी दिल्ली के पास में अभी भी...
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 3 नए कृषि कानून के खिलाफ आज करीब महीनों बीत चुके हैं पर किसानों का आंदोलन देश की राजधानी दिल्ली के पास में अभी भी बरकरार है। आपको बता दें कि संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान आंदोलन में एक बार फिर उबाल देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि कई दौर की बातचीत के बाद भी सरकार किसानों की शर्तों को मानने के लिए तैयार नहीं हो रही थी जिसकी वजह से किसान अभी भी देश की राजधानी के आसपास मे आंदोलन कर रहे हैं परंतु कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण किसानों के प्रदर्शन में कमी आई थी जो मानसून सत्र के दौरान बढ़ती हुई देखी जा रही है।
आपको बता दें कि करीब 6 महीने पहले गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई भीषण हिंसा के बाद अब पहली बार किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी गई है।
गौरतलब है कि किसानों ने 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली निकालकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था।
बता दें कि सरकार ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति किसानों को प्रदान कर दी गई है और माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान किसानों की मांग का सरकार पर दबाव बढ़ेगा। आपको बता दें कि देश की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए डिजास्टर मैनेजमेंट द्वारा भीड़ को खत्म करने के लिए सिर्फ 200 किसानों को ही एक स्थल पर जुटने की अनुमति दी है।
यह प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक ही किया जा सकेगा। प्रदर्शन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह पालन करना होगा
नेहा शाह