ऑक्सीजन घोटालों के मामलों पर बोली बसपा सुप्रीमो मायावती कहा- ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि...
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि...
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि भारत में आक्सीजन की कमी से कोरोना की दूसरी लहर में खासकर जो अफरातफरी व मौतें आदि हुईं तो उससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार को विदेशी सहायता तक भी लेनी पड़ी, यह किसी से भी छिपा नहीं है, फिर भी आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति-दुखद है।
गौरतलब है कि हाल ही में कुछ दिनों से केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच में ऑक्सीजन के घोटालों को लेकर लगातार खबरें आ रही हैं। जिसके बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी।
आपको बता दें कि ऑक्सीजन के विवाद पर बोलते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि ऐसे मिथ्या बयानों से जनता में केन्द्र के प्रति अविश्वास भी पैदा हो रहा है कि आगे कोरोना की तीसरी लहर अगर आई तो क्या होगा? जबकि केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी प्राथमिकता व उत्तरदायित्व जनता के प्रति शत-प्रतिशत होना चाहिए व राजनैतिक एवं सरकारी स्वार्थ के प्रति कम।
1. भारत में आक्सीजन की कमी से कोरोना की दूसरी लहर में खासकर जो अफरातफरी व मौतें आदि हुई। तो उससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार को विदेशी सहायता तक भी लेनी पड़ी, यह किसी से भी छिपा नहीं है, फिर भी आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति-दुःखद।
— Mayawati (@Mayawati) July 22, 2021
आपको बता दें कि मंगलवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारतीय प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी उन्होंने यह भी बताया कि बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी । महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।
नेहा शाह