सशक्त शिक्षक स्वाभिमानी समाज का निर्माण करता है , प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय

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सशक्त शिक्षक स्वाभिमानी समाज का निर्माण करता है , प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय


जब जब राजाओं ने शिक्षको का अनादर किया है तब तब शिक्षको ने देश की दशा और दिशा बदल दी है | समाज के अपमान से गुरु द्रोणाचार्य और घनानंद के अपमान पर चाणक्य ने शिक्षको के ताकत से दुनिया को पहचान करायी है | सशक्त शिक्षक स्वाभिमानी समाज का निर्माण करता है |



ये बात प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् , बाराबंकी द्वारा आयोजित समारोह में कही |



प्रो. पाण्डेय ने बताया की किस तरह से हिंदी भाषा और संस्कृत को दोयम दर्जे का बता कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को अंग्रेजी के चंगुल में फंसा दिया गया | अपनी संस्कृति पर गर्व करने की जगह हमें ये बताया गया कि हम कमतर है और पश्चिम की सभ्यता हमशे अच्छी है |




उन्होंने बताया कि जब तक हम अपनी भाषा का अनादर करते रहेंगे हम कभी भी विश्व गुरु नही बन पायेंगे | वहाँ बैठे छात्रो और शिक्षको से उन्होंने कहाँ की राष्ट्र निर्माण में हमे अपनी भूमिका निभानी होगी | शिक्षक कभी भी मूक दर्शक नही रहा सकता | समाज को उसकी जरूरत है और वो समाज निर्माण से पीछे नही हट सकता | शिक्षा को व्यवसाय न मान कर हमें राष्ट्र निर्माण का औजार समझ छात्रो के चरित्र को गढ़ना होगा |



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