क्या रंग लाएगा ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर का सर्वे और वीडियोग्राफी

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क्या रंग लाएगा ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर का सर्वे और वीडियोग्राफी

बनारस में इस समय चर्चा का बाजार गर्म है , क्यों न हो , इस समय देश का जो आने वाले समय का सबसे बड़ा मुदा हो सकता है उस पर कोर्ट के आदेश से कारवाई चल रही है | कुछ समय के लिए मुस्लिम संगठनो ने दबाव डाला पर पुलिस की सख्ती और प्रशासन के तेवर देखते हुए वो कमजोर पड़ गए |

ऐतिहासिक रूप से अगर तथ्यों को देखे तो कोई भी चलता फिरता राहगीर बता देगा की जहाँ मस्जित बनी है वहां पर कोई और ईमारत , मंदिर रहा होगा | आधा एक रंग और आधा दूसरा उसके अस्तित्व पर हमेशा से प्रश्न खड़ा करता रहा है |

अब जब कोर्ट का आदेश आ गया तो मुस्लिम पक्षकार इस पर सवाल उठाने का प्रयास कर रहे है जो सफल नही होगा | कोई भी सच्चा मुस्लमान दुसरे के इबादतगाह पर जाकर नमाज नही पढ़ेगा | पर औरंगजेब के जमाने से बनी इस मस्जिद का अस्तित्व ही विवादों में घिरा रहा है |

श्री विश्वनाथ धाम कारीडोर बनने के बाद से ही मस्जिद का ढांचा एकदम अलग दिखने लगा और जो मस्जिद पहले दुनिया की नजरो से गलियों के कारण छुपी थी वो हर चलते फिरते की नजर में आ गयी और ये चर्चा की इसे मंदिर तोड़ कर बनाया गया है स्वर पकड़ने लगा |

राखी, लक्ष्मी, सीता, मंजू और रेखा नाम की महिलाओं ने 7 महीने पहले सिविल कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद में मां श्रृंगार गौरी मंदिर होने की याचिका दाखिल की थी। इनलोगो ने वहां पूजा करने की इजाजत मांगी पर नहीं मिली।

कुछ दिनों पहले इस केस की फाइलें वाराणसी की सीनियर डिवीजन कोर्ट में एक बार फिर खुलीं। मंदिर और मस्जिद पक्ष के लोगों के बीच तीखी बहस हुई। सभी दलीलें सुनने के बाद सीनियर डिवीजन जज रवि कुमार दिवाकर ने फैसला सुनाया, "दोनों पक्षों की मौजूदगी में ज्ञानवापी मस्जिद के हर हिस्से की वीडियो-ग्राफी ईद के बाद कराई जाए और 10 मई तक इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। प्रशासन सर्वे के वक्त कानून-व्यवस्था बनाए रखे।"



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26 अप्रैल को कोर्ट ने बता दिया था कि ईद के बाद ज्ञानवापी का सर्वे होगा


अब 10 दिन पहले इस केस की फाइलें वाराणसी की सीनियर डिवीजन कोर्ट में एक बार फिर खुलीं। मंदिर और मस्जिद पक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सभी दलीलें सुनने के बाद सीनियर डिवीजन जज रवि कुमार दिवाकर ने फैसला सुनाया, "दोनों पक्षों की मौजूदगी में ज्ञानवापी मस्जिद के हर हिस्से की वीडियो-ग्राफी ईद के बाद कराई जाए और 10 मई तक इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। प्रशासन सर्वे के वक्त कानून-व्यवस्था बनाए रखे।"


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