सेना में भर्ती होने के लिए बनी योजना सत्ता पक्ष के लिए बन गया है अग्निपथ
भारत सरकार ने युवाओं को सेना में नौकरी देने के लिए 4 साल की भर्ती प्रक्रिया के तहत अग्नीवीर की शुरुआत की थी पर लगता है कि युवाओं को अग्नीवीर पसंद...
भारत सरकार ने युवाओं को सेना में नौकरी देने के लिए 4 साल की भर्ती प्रक्रिया के तहत अग्नीवीर की शुरुआत की थी पर लगता है कि युवाओं को अग्नीवीर पसंद...
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भारत सरकार ने युवाओं को सेना में नौकरी देने के लिए 4 साल की भर्ती प्रक्रिया के तहत अग्नीवीर की शुरुआत की थी पर लगता है कि युवाओं को अग्नीवीर पसंद नहीं आया है और कई राज्यों में उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
बिहार में यह प्रदर्शन हिंसक हो चुका है कई ट्रेन जलाई जा चुके हैं खासकर मुंगेर , भभुआ में रेल की पटरी पर नौजवान उतर आया है | उसका गुस्सा भारत की ट्रेन पर निकल रहा है।
अग्नीपथ योजना सरकार ने इस दृष्टि से जारी की थी कि ज्यादा से ज्यादा युवा लोगों को ना सिर्फ सेना में ट्रेनिंग दी जाएगी बल्कि 25% लोगों को उसी में से सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों में नियुक्त किया जाएगा।
किसी भी अप्रिय स्थिति में अग्नीपथ ट्रेनिंग ले चुके लोग भारत की सेना के साथ मिलकर मोर्चा संभाल सकते हैं इस मंशा से सरकार ने यह योजना शुरू की होगी पर उसके बारे में बिना विस्तार से बताएं एकाएक लागू कर देने से युवाओं को लगा कि अब सेना में भर्ती नहीं निकलेगी और अग्निपथ ही मुख्य भर्ती का माध्यम होगा।
इसके अलावा बहुत सारे ऐसे युवा है जो सेना में जाने की तैयारी कर रहे है पर उनकी उम्र २१ से ज्यादा होने से वे इस योजना में नहीं आ पाएंगे ये गुस्सा भी कुछ नौजवानो को हिंसक और योजना का विरोध करने पर मजबूर कर रहा है |
मौके का फायदा लेते हुए विपक्ष ने भी हंगामे में आग लगाने का काम शुरू कर दिया है और अगर हम विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बयान सुने तो वह नौजवानों को इस योजना के बारे में बताने की जगह भड़काने में ज्यादा लगे हुए हैं |
सरकार के लिए अब दोहरी समस्या हो गई है कल जुमे की नमाज के बाद की हिंसा से निपटने की तैयारी करें या फिर अग्नीवीर का विरोध कर रहे लोगों से निपटें।