रूस की छंटाई प्रक्रिया पर संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड का वक्तव्य

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रूस की छंटाई प्रक्रिया पर संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड का वक्तव्य

धन्यवाद, अध्यक्ष महोदय। अवर महासचिव डिकार्लो और सहायक महासचिव केहरिस आपकी ब्रीफिंग के लिए आपका भी शुक्रिया। और, सिविल सोसायटी के दृष्टिकोण से स्थिति का एक स्पष्ट और विश्वसनीय चित्रण प्रस्तुत करने के लिए सुश्री ड्रिक आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

साथियों, मैं चाहती हूं कि आप एक पल के लिए कल्पना करें कि आप मारियुपोल में रहने वाले व्यक्ति हैं। आप और आपकी जीवनसंगिनी युवा और स्वस्थ हैं। आपका 10 साल का बेटा और दो साल की बेटी है। आपका खुशीपूर्वक रहते हैं। आप ज़्यादा राजनीतिक नहीं हैं, लेकिन आपको यूक्रेन में अपनी ज़िंदगी से प्यार है। और अचानक, रूस हमला कर देता है।

रूसी सेना आपके स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी करती है। वे आपके शांतिमय शहर को नष्ट कर देते हैं। फिर भी, आपने अपने परिवार को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश की है। आप शेल्टर में छिप गए हैं। आपने अपनी जान बचाने की कोशिश की है।

और एक दिन, आप और आपका परिवार खाने के लिए कुछ जुटाने की कोशिश कर रहे हैं – और आपको रूसी सेना रास्ते में रोक लेती है। आपको आपकी इच्छा के विरुद्ध फ़िल्ट्रेशन या छंटाई के एक केंद्र तक ले जाया जाता है। आगे क्या होगा, यह सोचकर आप भयभीत हैं, क्योंकि आपकी दादी ने आपको सोवियत संघ के काल में अपनी मित्रों और पड़ोसियों के ग़ायब होने की कहानियां सुनाई थीं – और ये भी ​​​​कि रूस ने चेचन्या में युद्ध के दौरान अपने ही नागरिकों के साथ क्या सलूक किया था।

आपको अपनी जीवनसंगिनी और अपने बच्चों से अलग कर दिया जाता है। आपकी व्यक्तिगत बायोमेट्रिक सूचनाएं एकत्रित की जाती हैं। आपके यूक्रेनी ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते हैं। आपके सेलफ़ोन को कथित रूसी विरोधी संदेशों के लिए खंगाला जाता है।

आपके कपड़े उतार दिए जाते हैं। आपसे पूछताछ की जाती है। आपको पीटा जाता है। बगल के कमरों से आपको गोलियां चलने और चीखों की आवाज़ सुनाई देती है – अधिक ख़तरनाक माने जाने वालों को प्रताड़ित किया जाता है और मार दिया जाता है।

क्योंकि आप लड़ाई में भाग ले सकने की उम्र के हैं, आपको रूस की तरफ़ से लड़ने के लिए कहा जाता है। जब आप मना करते हैं, तो आपको एक रूसी पासपोर्ट थमाकर आपकी इच्छा के विरुद्ध रूस में काफी दूर भेज दिया जाता है, आपके परिवार से बहुत दूर और आपको अपने परिचितों या प्रियजनों से संवाद का कोई साधन नहीं दिया जाता है।

आपकी छंटाई की गई है।

विविध स्रोतों से प्राप्त अनेक विश्वसनीय रिपोर्टों के आधार पर रूस द्वारा यूक्रेन में जारी तथाकथित "छंटाई प्रक्रिया" के बारे में यही तस्वीर सामने आती है। अब हमारे पास पीड़ितों की चश्मदीद गवाही तथा ह्यूमन राइट्स वॉच, यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग के संगठन, और येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की मानवीय अनुसंधान लैब जैसे संगठनों की अधिकाधिक विस्तृत रिपोर्टें हैं, और आप हमारे दो वक्ताओं से इस बारे में सुन चुके हैं। यहां तक ​​कि रूस की सरकार संचालित तास समाचार एजेंसी ने भी रूस भेजे गए कई यूक्रेनियनों से संबंधित ख़बरें दी है।

छंटाई के इन केंद्रों पर, रूसी अधिकारी या उनके प्रतिनिधि तलाशी लेते हैं, वे पूछताछ करते हैं, दबाव डालते हैं, और कथित तौर पर कभी-कभी वहां लाए गए लोगों को यातनाएं भी दी जाती हैं। लेकिन ये भयावह स्थिति केवल विशेष रूप से निर्मित केंद्रों तक ही सीमित नहीं है – छंटाई का काम सुरक्षा चौकियों पर, यातायात संबंधी सामान्य जांच-पड़ताल के दौरान या सड़कों पर रोककर भी किया जा सकता है।

ह्यूमन राइट्स वॉच से बातचीत में, मारियुपोल के एक व्यक्ति ने कहा कि उसे और मारियुपोल के दर्जनों निवासियों को गंदगी भरे माहौल में एक विद्यालय भवन में रहने के लिए मजबूर किया गया था – और ये उन्हें छंटाई केंद्र में लाए जाने से पहले का वाकया है।

उसने बताया कि वहां कई लोग बीमार हो गए। उसने कहा, "हमें बंधकों जैसा अहसास हो रहा था।"

इन छंटाई अभियानों का उद्देश्य उन व्यक्तियों की पहचान करना है जो रूस के अनुसार उसके आदेशों का या उसकी नियंत्रण व्यवस्था का पर्याप्त अनुपालन नहीं कर सकते हैं। और इस बात के अधिकाधिक और विश्वसनीय सबूत सामने आ रहे हैं कि कथित यूक्रेन समर्थक झुकाव के कारण रूसी नियंत्रण के लिए ख़तरा माने जाने वाले लोगों को "ग़ायब" किया जा रहा है या हिरासत में रखा जा रहा है। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार उसने एक रूसी सैनिक को यह कहते सुना, "मैंने ऐसे कम से कम 10 लोगों को गोली मार दी" जो छंटाई प्रक्रिया में अनुकूल नहीं पाए गए थे।

रूसी सरकार सहित विभिन्न स्रोतों के अनुमानों से संकेत मिलता है कि रूसी अधिकारियों ने 900,000 से 1.6 मिलियन यूक्रेनी नागरिकों से पूछताछ की है, उन्हें हिरासत में लिया है, जबरन उनके घरों से उठाकर उन्हें रूस भेज दिया है – अक्सर सुदूर पूर्व के अलग-थलग पड़े क्षेत्रों में।

और मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं। अमेरिका के पास जानकारी है कि रूस के राष्ट्रपतीय प्रशासन के अधिकारी इन छंटाई अभियानों के लिए निगरानी और समन्वय का काम कर रहे हैं। और हमें ये भी पता है कि रूसी राष्ट्रपतीय प्रशासन के अधिकारी छंटाई के लिए लक्षित किए जाने वाले यूक्रेनियों की सूची भेज रहे हैं, और इन अभियानों के दायरे और प्रगति की रिपोर्ट मंगा रहे हैं।

छांटा गया। इन शब्दों से इन पूर्वनिर्धारित नीतियों की भयावहता और अनैतिकता पूरी तरह जाहिर नहीं होती है। जरा देखिए कि रूस यूक्रेन के बच्चों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है।

अनुमानों के अनुसार रूस ने हज़ारों बच्चों की छंटाई की है, कुछ को उनके परिवारों से अलग कर दिया गया और कइयों को अनाथालयों से निकालकर रूस में गोद लिए जाने के लिए भेजा गया है। अमेरिका के पास जानकारी है कि अकेले जुलाई माह में यूक्रेन के रूस नियंत्रित क्षेत्रों से 1,800 से अधिक बच्चों को रूस भेजा गया है।

बेशक, मुझे इस परिषद को यह याद दिलाने की आवश्यकता नहीं है कि नियंत्रण वाले क्षेत्रों से लोगों का नियंत्रणकर्ता के क्षेत्र में जबरन स्थानांतरण या निर्वासन, आम नागरिकों की सुरक्षा संबंधी चतुर्थ जिनेवा कन्वेंशन का गंभीर उल्लंघन है, और एक युद्धापराध है।

हमें उन लोगों के बारे में एक पल सोचना चाहिए जो छंटाई प्रक्रिया पास नहीं कर पाते हैं। दिन-प्रतिदिन इस बात के सबूत बढ़ रहे हैं कि यूक्रेनी सेना, प्रादेशिक रक्षा बलों, मीडिया, सरकार और सिविल सोसायटी संगठनों से संभावित संबद्धता के कारण ख़तरा माने जाने वाले हज़ारों यूक्रेनियों को कथित तौर पर हिरासत में लिया जा रहा है या उन्हें अचानक ग़ायब किया जा रहा है।

आखिर वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? वे यूक्रेनी पहचान दस्तावेज़ों को क्यों ज़ब्त कर रहे हैं? वे यूक्रेनियों को रूसी पासपोर्ट हेतु आवेदन करने के लिए क्यों मजबूर कर रहे हैं? वे स्थानीय लोगों को क्यों डरा रहे हैं और कथित ख़तरे के रूप में देखे जाने वाले हर व्यक्ति को निर्वासित क्यों कर रहे हैं? वे इस प्रक्रिया से गुजारे जाने वाले वाले यूक्रेनियों का व्यवस्थित रूप से वर्गीकरण क्यों कर रहे हैं? रूस अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अपने अधिकारियों की नियुक्ति क्यों कर रहा है, स्कूलों में अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम को क्यों लागू कर रहा है, और यूक्रेनी नागरिकों से रूसी पासपोर्ट के लिए आवेदन कराने की कोशिश क्यों कर रहा है? रूसी सेना और उसके प्रतिनिधि यूक्रेन की जीवंत स्मृति को मिटाने की पूरी कोशिश क्यों कर रहे हैं?

कारण सरल है: इलाक़ों को हथियाने के प्रयास के लिए अग्रिम तैयारी।

लक्ष्य है बलपूर्वक जनभावनाओं को बदलना। रूसी नियंत्रण को और अंततः, और भी अधिक यूक्रेनी क्षेत्र पर संभावित कब्ज़े को वैधता का एक कपटपूर्ण लिबास प्रदान करना। तथ्यों को गढ़ने का यह प्रयास दिखावटी जनमत संग्रह की ओर इशारा करता है। यह यूक्रेन संबंधई रूसी प्लेबुक का हिस्सा है जिसके बारे में हम युद्ध की शुरुआत के समय से ही परिषद के सदस्यों को आगाह करते रहे हैं।

ये जनमत संग्रह वैधता और जनसमर्थन की झूठी तस्वीर प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगे, ताकि रूस को खेरसॉन, ज़पोरिज़या और यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों को हथियाने पर विचार करने का मौक़ा मिल सके। बेशक, हम यूक्रेन की सीमाओं को बलपूर्वक बदलने के रूस के किसी भी प्रयास को कभी भी मान्यता नहीं देंगे। हमें इन अत्याचारों के दोषियों को जवाबदेह ठहराना चाहिए। हमें एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में इसका जवाब देना चाहिए – एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय जो अभी भी संयुक्तराष्ट्र चार्टर का सम्मान करता है।

हम जानते हैं कि रूस इन सब बातों पर क्या कहेगा। वे इनकार करेंगे, इनकार करेंगे, केवल इनकार करेंगे। लेकिन यह जानने का एक आसान तरीक़ा है कि इनमें से कोई भी बात सत्य है या नहीं। संयुक्तराष्ट्र को वहां आऩे दें। स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को वहां आने दें। एनजीओ को आने की अनुमति दें। मानवीय सहायता पहुंचने दें। दुनिया को देखने दें कि वहां क्या हो रहा है।

सुरक्षा परिषद के सदस्यों के रूप में, हमारी ज़िम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने और संयुक्तराष्ट्र चार्टर को क़ायम रखने की है। कम से कम, मुझे आशा है कि आज हममें से प्रत्येक यह स्वीकार करेगा कि छंटाई प्रक्रिया से गुजारे जा रहे सभी व्यक्तियों तक यथाशीघ्र संयुक्तराष्ट्र और मानवीय एजेंसियों को पहुंचने दिया जाना चाहिए, ताकि हम उनकी स्थिति की पुष्टि कर सकें जैसा कि हमने आज ओएचसीएचआर से सुना है। जब तक रूस इन संस्थाओं को यह अनुमति नहीं देता, हमें अपने द्वारा जमा किए गए सबूतों और पीड़ितों की साहसिक गवाही पर भरोसा करना होगा। उनके द्वारा किया गया स्थिति का चित्रण, और अधिकाधिक सामने आ रही रिपोर्टें भयावह हैं।

साथियों, एक दिन ऐसा भी आएगा जब हम इस परिषद में यूक्रेन के और अधिक भूभाग को हथियाने के रूसी संघ के प्रयासों की निंदा करने के लिए एकत्रित होंगे। और मैं चाहूंगी कि आपने आज यहां जो सुना है उसे आप याद रखेंगे। कोई भी नहीं – कोई भी यह नहीं कह सकेगा कि उसे आगाह नहीं किया गया था।

शुक्रिया।

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