आईएनएस विंध्यगिरि के आने से बढ़ेगी भारतीय नौसेना की ताकत

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आईएनएस विंध्यगिरि के आने से बढ़ेगी  भारतीय नौसेना की ताकत
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(बचपन एक्स्प्रेस संवाददाता - अजय कुमार, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी)

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (17 अगस्त, 2023) गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए के छठे जहाज आईएनएस विंध्यगिरि के लॉन्च समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस उपस्थित रहे।

इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा " विंध्यगिरि का पदार्पण भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है। यह स्वदेशी जहाज निर्माण के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी एक कदम है। प्रोजेक्ट 17ए, जिसका विंध्यगिरि एक हिस्सा है, आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी नवाचार को प्रदर्शित करती है"।

आईएनएस विंध्यागिरि का नाम कर्नाटक में पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। नीलगिरि-क्लास फ्रिगेट्स, जिन्हें औपचारिक रूप से प्रोजेक्ट -17 अल्फा फ्रिगेट्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है, वर्तमान में भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा बनाई जा रही स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स की एक श्रृंखला है।

ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के फॉलो-ऑन हैं।फ्रिगेट नौसेना का एक छोटा तेज़ जहाज़ होता है जो अन्य जहाज़ों की सुरक्षा के लिए उनके साथ यात्रा करता है। वर्तमान में 12 फ्रिगेट्स भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएँ दे रहें हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि P17A जहाजों के उपकरण और सिस्टम के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों सहित स्वदेशी फर्मों से हैं। अत्याधुनिक जहाज को नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा और सेवा में शामिल करने के लिए भारतीय नौसेना को सौंपे जाने से पहले व्यापक परीक्षणों से गुजरना होगा।

जीआरएसई के एक अधिकारी के अनुसार, पी17ए जहाज निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट हैं, जिनमें से प्रत्येक 149 मीटर लंबा है, जिसका विस्थापन लगभग 6,670 टन है और गति 28 समुद्री मील यानी लगभग 52 किमी/घंटा है। ये वायु, सतह और उप-सतह तीनों आयामों में खतरों को बेअसर करने में सक्षम हैं।

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