किसानों ने किया ऐलान हर दिन रोज 11 लोग करेंगे उपवास
देश की राजधानी दिल्ली में किसान आज लगातार 23 दिनो से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। आप किसानों ने कृषि...


देश की राजधानी दिल्ली में किसान आज लगातार 23 दिनो से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। आप किसानों ने कृषि...
देश की राजधानी दिल्ली में किसान आज लगातार 23 दिनो से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। आप किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ उपवास की घोषणा कर दी है जिससे सरकार में हलचल मच गई है। किसान की यूनियन ने कहा है कि हम किसानों में रोज 11 लोग उपवास करेंगे।
आपको बता दें कि किसानों की यूनियन का कहना है कि ये कानून सरकार ने सिर्फ बड़े उद्यगपतियों को अर बड़ा बनाने के लिए बनाया है। इस कानून से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। अपितु उनकी आमदनी कम हो जाएगी ।
हालाकि सरकार ने किसानों के इस भ्रम को दूर करते हुए कहा है कि किसानों को पहले की तरह ही एमएसपी दी जाएगी। और नए कृषि कानूनों से उनकी आय में वृद्धि ही होगी। सरकार ने एमएसपी को लिखित रूप से देने के लिए नहीं कहा परन्तु किसानों का कहना है कि वह इस कानून में कोई संशोधन नहीं बल्कि कानून ही रद्द करना चाहते है। सरकार से कई दौर की बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन से विकराल कर लिया है। दिल्ली में किसान चक्का जाम लगा रहा हैं। जोकि बेहद चिंता जनक बात है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को चिठ्ठी लिखकर निवेदन किया था कि वो इस कानून की सच्चाई को समझे। परंतु किसानों ने उनकी हर एक बात को खारिज कर दिया।
हरियाणा , उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों के किसान दिल्ली के कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड के बीच किसानों ने सोमवार को भूख हड़ताल का आंदोलन शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सिंधु बॉर्डर पर रविवार को कहा था कि "सोमवार को नए कृषि कानून के खिलाफ सभी लोग प्रदर्शन स्थल पर भूख हड़ताल करेंगे।"इसकी शुरुआत सिंधु बॉर्डर से होगी जहां पर हर रोज 11 लोगों का समूह भूख हड़ताल पर रहेगा। उन्होंने कहा कि हम देश भर में प्रदर्शन कर रहे किसानों से भूख हड़ताल करने की अपील करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को किसानों की स्थिति और बेहतर करने के लिए पेश किया है परंतु किसानों में आशंका अभी भी है और वह इस कानून को रद्द करना चाहते हैं।
जिसके लिए उन्होंने नया कदम उठाया है और हर दिन भूख हड़ताल का ऐलान किया है।
नेहा शाह