आज तक की पत्रकार चित्रा त्रिपाठी की निजी जिंदगी में झांकना बंद कर दीजिये, पत्रकार भी इंसान है

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आज तक की पत्रकार चित्रा त्रिपाठी की निजी जिंदगी में झांकना बंद कर दीजिये, पत्रकार भी इंसान है

आजकल लोगो को मौका चाहिए और वो अपना बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है | यही हुआ चित्रा त्रिपाठी के साथ | एक महिला और ऊपर से पत्रकार | अब पक्ष और विपक्ष दोनों होगा क्योंकि पत्रकारिता में आप जब खबरे पढ़ते है तो कोई आपका दुश्मन बनता है और कोई आपका चाहने वाला | चित्रा त्रिपाठी ने भी यही किया | उनकी पत्रकारिता और पत्रकार के एथिक्स पर बात नहीं करना चाहता क्योंकि ये उनकी अपनी चॉइस है | पर पत्रकार होने के कारण आप उनकी निजी जिंदगी पर हमला करने के लिए स्वतंत्र हो गए है और जो लोग इस पर तंज कस रहे है या फिर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे है उनको शर्म आनी चाहिए |

अब समाज देखिये गलती किसकी और सजा किसे मिल रही है | चित्रा की निजी जिंदगी में उनके पति ने जो अपराध किया अगर वो साबित होता है तो कानून और समाज उनको सजा देगा | पर सोशल मीडिया पर लोग चालू हो गये चित्रा त्रिपाठी की फोटो के साथ कमेंट करते | समाज के इन घटियाँ लोगो को चित्रा त्रिपाठी में पत्रकार कम एक औरत ज्यादा दिखती है जिसकी इज्जत इन लोगो के लिए कोई मायने नही रखता | एक औरत जब घर से बाहर कदम रखती है तो उसको घूरती निगाहे हमेशा पीछा करती रहती है | इसीलिए पति की बात कम हो रही है और पत्नी को बेवजह घसीटा जा रहा है |

अब इसमें कुछ लोग है जिनके खिलाफ चित्रा लगातार मुखर रहती है | इनको मौका मिल गया की इस पत्रकार को नीचा दिखाया जाए और निकल पड़े अपने अरमानो को पूरा करने | इन लोगो की अगर जांच हो तो ये अन्दर से सड़े हुए निकलेंगे और समाज के अपराध में इनका योगदान जरुर होगा | पर इनको मजा लेने की आदत है इसलिए अपनी गंदगी को मौका मिलते ही दुसरे पर उगल देते है |

पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है जहाँ सम्मान कम और अपमान ज्यादा है | और इस तरह के समाज में जो कई भागो में बटा पड़ा है और जिसके नागरिक मूल्य विहीन होते जा रहे है | स्त्री देह समझ कर चित्रा त्रिपाठी की खिचाई हो रही है और पुरुष के रूप में गलती करने वाले का कही अता पता नही | अगर ये गलती है , जो जांच के बाद सामने आएगा , तो वो चित्रा के पति की है उनकी नही पर समाज के दूषित मानसिकता के लोग उनके ही पीछे पड़े है | इस गंदगी से निकलने में समाज ही मदद कर सकता है अगर इन घटिया लोगो को इन्ही की भाषा में जवाब दिया जाए और ये बता दिया जाए की पेशा और परिवार दो अलग -अलग क्षेत्र है | पेशे के कारण परिवार को बदनाम करने की परंपरा बंद होनी चाहिए और महिला के केस में तो हमें और सावधानी बरतनी चाहिए |

रोहित सरदाना और सुधीर चौधरी का उदाहरण सामने है कुछ लोग सुधीर चौधरी की बीमारी की ख़बरों और फोटो पर भी कमेंट करने से बाज नही आ रहे थे | ये वही गिद्ध है जिनको समाज में देह की चाह होती है वो चाहे जिन्दा हो या मुर्दा - इन्होने मुर्दा देह का भी मजाक बनाया और अब जिन्दा देह को भी लील कर खा जाने का प्रयास कर रहे है |

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