कोविड महामारी संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने 60 एसी बसों पर लगाई अगले आदेशों तक रोक....
भारत में वैश्विक महामारी के संकट को देखते हुए एक शहर से दूसरे शहर तथा राज्यों में जाने वाले लोगों पर भी अब पाबंदी लगा दी गई है। पिछले वर्ष भी लॉकडाउन...


भारत में वैश्विक महामारी के संकट को देखते हुए एक शहर से दूसरे शहर तथा राज्यों में जाने वाले लोगों पर भी अब पाबंदी लगा दी गई है। पिछले वर्ष भी लॉकडाउन...
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भारत में वैश्विक महामारी के संकट को देखते हुए एक शहर से दूसरे शहर तथा राज्यों में जाने वाले लोगों पर भी अब पाबंदी लगा दी गई है। पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान परिवहन सेवाओं को पूरी तरह से ठप कर दिया गया था ताकि संक्रमण का खतरा एक राज्य से दूसरे राज्य तक ना पहुंच सके।
उत्तर प्रदेश में भी अब उत्तर प्रदेश परिवहन बस की सेवाओं को स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि महामारी के बीच लोगों ने एक शहर से दूसरे शहर जाना बंद कर दिया है जिसके कारण ट्रेन पूरी खाली ही चल रही है तथा बसों में भी चुनिंदा यात्री ही बैठकर लंबे रूट का सफर कर रहे हैं।
ऐसे में बताया जा रहा है कि परिवहन निगम की कमाई आधे से भी कम हो गई है तथा निगम घाटे की तरफ बढ़ता हुआ दिख रहा है। जिस पर बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने गोरखपुर और राप्तीनगर डिपो की 60 बसों को अगले आदेशों तक रोक दिया है।
आपको बता दें कि इन बसों में गोरखपुर डिपो की आठ और राप्तीनगर डिपो के 52 बसें हैं। जोकि फुल एसी बसों में शामिल होती है। अब दोनों तरफ के यात्रियों को नॉर्मल बसों से यात्रा करनी पड़ेगी।
दरअसल, देवरिया, पडरौना, तमकुहीराज, महराजगंज, सोनौली और ठुठीबारी के रूच पर यात्री मिल जाते हैं, लेकिन गोरखपुर से वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर और दिल्ली के रास्ते कोई नहीं जाना चाहता, इसलिए यहां पर बसें खाली चल रही हैं। ऐसे में निगम को फाइनेंशियली काफी लॉस हो रहा है।
परिवहन विभाग द्वारा बताया गया है कि पैसेंजर में जब से कमी आई है तब से कमाई का कोई भी जरिया नहीं दिख रहा है और घटती कमाई को देखते हुए ज्यादातर ड्राइवर ने अपनी बसों को खड़ा कर दिया है और इस महामारी के डर से ज्यादातर ड्राइवर और कंडक्टर घर को वापस लौट गए हैं। ऐसे में बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन ने 60 बसो को स्थगित कर दिया है।
नेहा शाह