द्रौपदी मुर्मू बनी एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार , जनजाति पर भाजपा का दाव कैसे बदलेगा चुनावी समीकरण

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द्रौपदी मुर्मू बनी एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार , जनजाति पर भाजपा का दाव कैसे बदलेगा चुनावी समीकरण
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एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम घोषित होते ही पूरे देश में उस नाम की चर्चा होने लगी |

आदिवासी हितों के लिए लड़ने वाली द्रोपती मुर्मू जिन्हें झारखंड में सबसे लंबे समय तक राज्यपाल रहने का अवसर भी मिला अब एनडीए की राष्ट्रपति की उम्मीदवार है |

झारखंड की राज्यपाल के रूप में उन्होंने आदिवासी खासकर महिलाओं और लड़कियों के हित का ध्यान रखा और साथ ही साथ आदिवासी संस्कृत को भी उन्होंने काफी मदद की |

द्रोपति मुर्मू मूलत: उड़ीसा से हैं और उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ था | इनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टूडू और पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है |

यह मूलतः संथाल जनजाति से आती हैं और इनका पालन पोषण भी एक आदिवासी परिवार में ही हुआ है

राजनीति में आने से पहले यह शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दे चुकी है | इन्होंने अपनी राजनीतिक पारी उड़ीसा में भी शुरू की थी जहां भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार विधायक चुनी गई थी और बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन के समय यह कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी है |

हालांकि इनका पारिवारिक जीवन काफी झंझावातो से भरा था पर उन्होंने कभी भी हौसला नहीं खोया और आज जिस मुकाम पर वह हैं यह उनके हौसले की ही देन है

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