14 फीसदी आरक्षण जारी रखने को लेकर हाईकोर्ट की रोक बरकरार, 2 नवंबर को होगी मामले की सुनवाई....
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद किए जाने पर पूर्व में...
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद किए जाने पर पूर्व में...
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद किए जाने पर पूर्व में लगाई गई अंतरिम रोक बरकरार रखी है। इसी के साथ मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर लिए बढ़ा दी गई। बुधवार को प्रशासनिक न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस बी. श्रीवास्तव की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
इससे पहले भी हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने मामले में सुनवाई की थी। राज्य में ओबीसी वर्ग को अब सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं देने का फैसला बरकरार रखा था। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी थी। अब एक बार आज कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने एक बार अपने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है। इसमें मामले में अंतिम बहस 2 नवंबर को शुरू होगी।
अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट ओबीसी आरक्षण 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का अध्यादेश 19 मार्च 2019 में स्थगित कर चुका है। ऐसे में किसी भी सरकारी भर्ती या शैक्षणिक प्रवेश प्रक्रिया में 14 फीसद से अधिक ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, प्रमेंद्र सेन जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव मौजूद रहे।
अराधना मौर्या