बिजली की मांग में बढ़ोतरी होने के बावजूद भारत ने कोयले के आयात में कमी लाने में बड़ी सफलता प्राप्त की

  • whatsapp
  • Telegram

भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है और यहां विद्युत की मांग में हर साल 4.7 फीसदी बढ़ोतरी होती है। "आत्मनिर्भर भारत" की सोच को साकार करने के लिए कोयला मंत्रालय ने कोयले के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए बड़े सुधार किए हैं। मंत्रालय ने कैप्टिव खानों के पट्टेदारों को लक्ष्य संयंत्रों की जरूरतों को पूरा करने के बाद कुल अतिरिक्त उत्पादन का 50 फीसदी तक कोयला या लिग्नाइट बेचने की अनुमति देने के लिए एमएमडीआर (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 1960 में भी संशोधन किया है। इस संशोधन के साथ मंत्रालय ने कैप्टिव कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमता के अधिक उपयोग से बाजार में अतिरिक्त कोयला जारी करने का रास्ता साफ किया है। इसके चलते कोयले का उत्पादन नवंबर, 2019* में 39.15 मीट्रिक टन से वित्तीय वर्ष 2022 की समान अवधि में 36.6 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 53.27 मीट्रिक टन हो गया। वहीं, इन सुधारों की वजह से कोयले के घरेलू उत्पादन में 9.01 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नवंबर, 2021 तक कोयले का कुल उत्पादन बढ़कर 447.54 मीट्रिक टन हो गया। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 410.55 मीट्रिक टन था।

कोयले के घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ हमने विद्युत की मांग में वृद्धि होने के बावजूद कोयले के आयात में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। नवंबर, 2021 तक 671.906 बीयू (बिलियन यूनिट) कोयला आधारित विद्युत का उत्पादन हुआ है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 638.82 बिलियन यूनिट्स था। इस अवधि में 5.17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, आयातित कोयला आधारित विद्युत उत्पादन अप्रैल से नवंबर 2019 की अवधि के दौरान 61.78 बिलियन यूनिट्स से घटकर चालू वित्तीय वर्ष 2022 की समान अवधि में 51.38 फीसदी घटकर 30.036 बिलियन यूनिट्स हो गया। अप्रैल से नवंबर 2021 की अवधि के दौरान गैर- कोकिंग कोयले के सभी ग्रेड का आयात घटकर 107.36 मीट्रिक टन हो गया है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 131.51 मीट्रिक टन था। इस अवधि के दौरान इसमें 18.36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं, विद्युत क्षेत्र में मुख्य रूप से उपयोग किए जाने वाले गैर-कोकिंग कोयले का आयात वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि की तुलना में नवंबर, 2021 तक 57.59 फीसदी घटकर 46.53 मीट्रिक टन से 19.73 मीट्रिक टन हो गया। इसने कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के दरवाजे खोल दिए हैं। इसके अलावा अप्रैल से नवंबर 2021 की अवधि में कोयले का कुल आयात भी घटकर 147.14 मीट्रिक टन हो गया है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 165.57 मीट्रिक टन था। इस दौरान इसमें 11.13 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसके चलते जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतें उच्च स्तर पर हैं, इस साल विदेशी मुद्रा भंडार की महत्वपूर्ण बचत हुई है।

*वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों के कारण औद्योगिक उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसके चलते तुलना के उद्देश्य से इस अवधि को नहीं लिया गया है।

Next Story
Share it