मैं जब पसंद करता हूं, तब राज्यसभा जाता हूं : बयान पर पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

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मैं जब पसंद करता हूं, तब राज्यसभा जाता हूं : बयान पर पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में जस्टिस गोगोई ने राज्यसभा अपनी बेहद कम उपस्थिति को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया था।इसी सवाल को लेकर उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है।

पूर्व सीजेआई ने दिया था यह बयान : जस्टिस गोगोई इंटरव्यू में कहा था कि मैं जब पसंद करता हूं, तब राज्यसभा जाता हूं। जब मुझे लगता है कि कोई महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर मुझे अपनी बात रखनी चाहिए, मैं राज्यसभा जाता हूं। यह इंटरव्यू उन्होंने अपने संस्मरणों पर आधारित किताब जस्टिस फॉर जज को लेकर दिया था।

इसी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में एक नोटिस दिया है, जिसमें पार्टी ने कहा है कि जस्टिस गोगोई का बयान राज्यसभा की अवमानना है और यह उच्च सदन की प्रतिष्ठा का महत्व कम करने वाला है। यह विशेषाधिकारों के हनन का मामला बनता है। इस नोटिस में जस्टिस गोगोई के बयान का अंश भी शामिल किया गया है।

इस इंटरव्यू में जस्टिस गोगोई ने कहा, संसद के शीतकालीन सत्र के पहले तक, आप राज्यसभा आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद ही जा सकते थे और मैं अपने आपको वहां जाने को लेकर सहज महसूस नहीं कर रहा था। सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को लागू किया गया था, लेकिन उनका सही तरीके से ध्यान नहीं रखा जा रहा था।

बैठने की व्यवस्था को लेकर मैंने खुद को सहज नहीं पाया। मैं राज्यसभा जाता हूं, जब मैं पसंद करता हूं और जब मुझे लगता है कि ये महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर मुझे अपनी बात रखनी चाहिए। मैं नामित सदस्य हूं, मैं किसी पार्टी व्हिप से बंधा हुआ नहीं हूं। लिहाजा जब भी पार्टी सदस्यों को सदन में उपस्थित होने के लिए निर्देश किया जाता है, तो वह मुझ पर बाध्य नहीं होता है। मैं अपनी इच्छानुसार वहां जाता हूं और आता हूं। मैं सदन का निर्दलीय सांसद हूं।

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