प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुंदेलखंड की धरती पर ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुंदेलखंड की धरती पर ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से बुंदेलखंड के...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुंदेलखंड की धरती पर ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से बुंदेलखंड के...
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुंदेलखंड की धरती पर ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संकट से राहत मिलने की उम्मीद है। महोबा समेत आसपास के जिलों में रहने वाले किसानों और ग्रामीणों ने इस योजना को -"संजीवनी-" करार देते हुए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
अब तक नदियों से वंचित महोबा जिले को इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। योजना के तहत केन-बेतवा मुख्य नहर से दो अलग-अलग चैनल बनाए जाएंगे, जिनके माध्यम से महोबा जिले के विभिन्न जलाशयों तक पानी पहुंचाया जाएगा। पहला चैनल उर्मिल बांध और सलारपुर बांध के जरिए मदन सागर, कीरत सागर, बीजानगर तालाब और दिसरपुरा तक पानी पहुंचाएगा।वहीं दूसरा चैनल मझगांव डैम के माध्यम से बेलासागर, कुलपहाड़, कमालपुरा और रैपुरा तालाब को जल उपलब्ध कराएगा।इस परियोजना से बुंदेलखंड के लाखों किसानों और ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।
लंबे समय से सूखे और पानी की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र के लोगों ने इसे क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस परियोजना से न केवल सिंचाई क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि पीने के पानी की समस्या भी दूर होगी। तारा पाटकार ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना न केवल बुंदेलखंड को जल संकट से राहत देगी, बल्कि इस क्षेत्र की कृषि और आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाएगी।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई का सपना देश की नदियों को जोड़ने का था जिसे उनकी ही जयंती इस नदी जोड़ों परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई है। आपको बता दें कि पूर्व सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने अपने कार्यकाल में इस लिंक परियोजना को सदन में उठाया था। अब जब इस परियोजना को पीएम मोदी शुरू करने जा रहे है तो उम्मीद जताई जा रही है कि इससे बुंदेलखंड पानी पानी हो जाएगा। महोबा के पानीदार लोगो पानी ही पानी मिलने की उम्मीद इस योजना से जागी है।
महोबा में 5735 करोड़ का बजट परियोजना में खर्च होगा। तीन वर्षो में परियोजना का काम पूरा किया जाएगा। यहीं नहीं अगले चरण में जिले के चंदेलकालीन 11 तालाबों को नहरों से पाइप लाइन बिछा कर जोड़ने की योजना है। आपको बता दें कि जिले में चैनल एक से मझगवां बांध से 23354.71, बेलासागर से 8343.13, कुलपहाड़ तालाब से 1037.01, कमालपुरा तालाब से 1756.44, रैपुरा बांध से 4425.93 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी वहीं उर्मिल डैम से 4676.36, सलारपुर बांध से 4449.02 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। कीरत सागर सरोवर से 951.45, बीजानगर तालाब से 840 हेक्टेयर, दिसरापुर बांध से 3049.86 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। जिससे किसान दो से अधिक फसलों की पैदावार भी कर सकेंगे और क्षेत्र में खुशहाली आएगी। महोबा के अलावा बुंदेलखंड बांदा, हमीरपुर और झांसी, ललितपुर के लिए यह योजना वरदान साबित होगी जिसको लेकर लोगों में बड़ा उत्साह है और सभी इस योजना की प्रशंसा कर पीएम मोदी की तारीफ कर रहे है।