प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम में सभी किसानों को संदेश, उदाहरण सहित बताया कैसे नया कृषि कानून है फायदेमंद।
लगातार चार दिनों से हो रहे देश भर में कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है यूपी में किसान हिंसक प्रदर्शन करने पर उतारू हो चुके हैं...
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लगातार चार दिनों से हो रहे देश भर में कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है यूपी में किसान हिंसक प्रदर्शन करने पर उतारू हो चुके हैं...
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लगातार चार दिनों से हो रहे देश भर में कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है यूपी में किसान हिंसक प्रदर्शन करने पर उतारू हो चुके हैं दिल्ली के सिंधु , टिकरी व कुंडली बॉर्डर जाम करने के बाद किसान अब जंतर मंतर व संसद तक पहुंच रहे हैं। के प्रति संबोधन करते हुए कहा कि नया कृषि कानून किसी भी तरह से किसानों को उनकी उपज को हानि नहीं पहुंचाता बल्कि अनेक बंधनों को समाप्त कर एक बंधन देता है जिससे वह बिना किसी रूकावट अपनी फसल को एमएसपी के जरिए बेच सकते हैं। तथा उनके पुराने बंधन भी समाप्त नहीं हुए हैं जबकि उन्हें अपनी उपज के लिए नए साधन प्रदान किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है इसीलिए केंद्र सरकार उनके विषयों को गंभीरता से लेती है तथा सदियों से किसान अपनी मांगों को लेकर बैठा है समय-समय पर बदलती सरकार के साथ किसानों की उम्मीद भी बढ़ती है नया कृषि कानून किसानों के लिए एक अच्छा स्रोत साबित होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा व बताया कि कैसे किसानों ने नए कृषि कानून का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भाई जी ने मक्के की खेती की थी और सही दामों के लिए फसल को व्यापारियों को बेचना तय किया। फसल की कुल कीमत करीब ₹332000 तय की गई। जितेंद्र भाई जी को ₹25000 एडवांस भी दे दिए गए। व्यापारियों द्वारा यह तय किया गया था कि बाकी का पैसा उन्हें 15 दिनों बाद सूत समेत चुका दिया जाएगा। लेकिन बाद में परिस्थितियां ऐसी बन गई कि उन्हें बाकी का पेमेंट नहीं मिला। उन्होंने कहा कि किसानों से फसल भी लो और उन्हें पेमेंट भी ना करो अभी भी मक्का उगाने वाले किसान ऐसे ही परंपरा का शिकार होते चले आ रहे हैं।
इन्हीं सारे गंभीर स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सितंबर के माह में कृषि कानून आया जिसमें किसान को ध्यान में रखते हुए उनकी फसल खरीदने के 3 दिन के अंदर यदि उन्हें बाकी की रकम नहीं दी जाती है तो किसान शिकायत दर्ज कर सकता है।
साथी साथ प्रधानमंत्री ने नौजवानों को संदेश देते हुए कहा कि मेरे नौजवान जो कि लाखों की संख्या में कृषि की पढ़ाई कर रहे है उन से एक अपील करता हूं कि वह गांव गांव जाकर कृषि कानून को समझाएं और लोगों को बताएं कि किस तरह से यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने का अवसर देता है तथा उनकी उपज का अच्छा दाम दिलाने का वादा करता है।
आपको बता दें कि रविवार को मन की बात में प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन किसानों को इसलिए दिया क्योंकि देश के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश से किसान राजधानी दिल्ली में पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
और सियासत के कई लोगों ने भी केंद्र की सरकार को निशाना बनाया है ।आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने यह साफ कहा है कि किसानों के मुखिया को वार्तालाप करने के लिए बुलाया गया है।
नेहा शाह