नई कृषि कानून के चर्चा का प्रस्ताव किसानों द्वारा ठुकराया गया

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नई कृषि कानून के चर्चा का प्रस्ताव किसानों द्वारा ठुकराया गया


राजधानी के पांचो प्रवेश मार्गों को जाम करने की दी चेतावनी - नड्डा के घर देर तक चली बैठक।

कृषि विधेयक तथा नए कृषि कानून विरोध के चलते दिल्ली हरियाणा , पंजाब , यूपी में विरोध प्रदर्शन करने के 4 दिन बाद किसानों का बड़ा ऐलान सामने आया है उन्होंने दिल्ली को हर तरफ से जाम करने की बात कही है तथा उन्होंने सरकार द्वारा प्रस्तुत बातचीत के प्रस्ताव को मना करके कहा कि "वह किसी सशर्त बातचीत का प्रस्ताव कभी स्वीकार नहीं करेंगे" आवाजाही बंद करने का निर्णय लेने के साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले पांचों मार्गो पर ताला लगाएंगे व पूरी दिल्ली में चक्का जाम कर देंगे इस खबर से दिल्ली पुलिस की प्रतिक्रिया में और तेजी से हलचल बढ़ गई है।

इससे पहले उन्हें वाटर कैनन और आंसू वाली गैसों के द्वारा विरोध प्रदर्शन करने से रोका जा रहा था। किसानों का कहना है कि उनकी कमेटी जैसा करेगी सारे किसान वही करेंगे रविवार को सभी किसान शंभू बॉर्डर प्रदर्शन के लिए पहुंचे हालांकि उनके इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात किए गए। तथा विरोध को रोकने के लिए किसानों के ऊपर जमकर लाठियां बरसाई गई जब उससे भी मनोबल नहीं टूटा तो उन पर वाटर कैनन और आंसू वाली गैस का भी इस्तेमाल किया गया।

बता दें कि रविवार तक सिर्फ सिंधु और टिकरी बॉर्डर जान किए गए थे पर अब फरीदाबाद गाजियाबाद व गुरुग्राम से राजधानी को जोड़ने वाले प्रवेश मार्गों को भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।

जेपी नड्डा के घर देर रात तक चली बैठक के बाद अमित शाह ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनके मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुराड़ी मैदान में किसानों के सामने 3 दिसंबर करवाई जाएगी तब तक के लिए वह अपने प्रदर्शन स्थल बदल दें जोकि निरंकारी समागम है उसे बदल दें तथा विरोध प्रदर्शन खत्म कर सरकार का सहयोग करें सरकार उन्हें आश्वासन देती है। पर किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह की इस प्रस्ताव को ठुकरा कर कहा कि हम एक और सर्दी की रात बाहर बिताने के लिए तैयार हैं परंतु हम अपना धरना स्थल नहीं बदलेंगे।

उन्होंने कोविड-19 बस सर्दी की परिस्थितियों से किसानों को अवगत कराते हुए कहा कि 30 से अधिक किसान संगठनों के साथ बैठक करने के बाद हम स्वयं बुराड़ी में अपनी उच्च स्तरीय बैठक करवाएंगे।

परंतु किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह के इस अपील को स्वीकारा और कहा कि वह अपने प्रदर्शन स्थल नहीं बदलेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा कर नये कृषि विधेयक के कानूनों को नहीं बदलती। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में किसानों को संबोधन करते हुए कहा कि नया कृषि कानून किसानों की भलाई के लिए ही बनाया गया है मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि इससे उनकी उपज को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचेगा तथा पहले से अधिक आमदनी होगी।

किसानों ने आज एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब वह दिल्ली में प्रवेश किए जाने वाले पांचों मार्गो को बंद कर पूरे राजधानी की आवाजाही को ठप कर देंगे।

नेहा शाह

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